मुंबई। मध्यरात्रि से 1,000 रुपए और 500 रुपए के बैंक नोटों को अवैध करने की सरकार की अप्रत्याशित घोषणा के बाद मौद्रिक अधिकारियों ने इस कदम के पीछे तर्क देते हुए 25 बिंदुओं की एक विस्तृत प्रश्नोत्तरी जारी की।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि इस प्रतिबंध के पीछे सबसे महत्वपूर्ण कारण अधिक मूल्य के जाली नोटों का बढ़ना और व्यवस्था में अधिक कालाधन का होना है। लेकिन साथ ही आरबीआई ने जनता को यह आश्वासन भी दिया कि एक व्यक्ति जितने अधिक मूल्य की नकदी बदलता है, उसे उतने ही मूल्य के नोट अधिक मात्रा में मिलेंगे। मसलन 500 रुपए के एक नोट के बदले उसे 100-100 रुपए के पांच नोट मिलेंगे।
रिजर्व बैंक ने कहा, 'एक व्यक्ति को नकदी में 4,000 रुपए तक ही मिलेंगे और इससे उपर की रकम उसके खाते में जमा कर दिए जाएंगे और वह पूरी की पूरी रकम नकदी में नहीं पा सकता। पुराने नोटों को आरबीआई के 19 कार्यालयों में से किसी पर भी और किसी बैंक शाखा या किसी प्रधान डाक घर या उप डाक घर में बदले जा सकते हैं।'
जिन्हें 4,000 रुपए से अधिक की नकदी की जरूरत है, वह चेक या इलेक्ट्रानिक माध्यमों जैसे ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल वालेट, आईएमपीएस, क्रेडिट-डेबिट कार्ड आदि के जरिये इसका भुगतान कर सकता है। जिनके पास कोई बैंक खाता नहीं है, वे आवश्यक केवाईसी दस्तावेजों के साथ एक खाता खोल सकते हैं।
जिस व्यक्ति के पास अपना खुद का निजी खाता नहीं है, वह रिश्तेदार या मित्र के खाते के जरिये नोटों को बदलने की सुविधा ले सकता है, बशर्ते उसे लिखित अनुमति लेनी होगी और नोट बदलते समय उसे खाताधारक द्वारा दी गई अनुमति का प्रमाण और अपना वैध पहचान प्रमाण उपलब्ध कराना होगा।
एटीएम से निकास के मामले में आरबीआई ने कहा कि बैंकों को एटीएम में नए नोट डालने में थोड़ा समय लगेगा। एक बार एटीएम काम करना शुरू कर देंगे, व्यक्ति 18 नवंबर तक 2,000 रुपए प्रति कार्ड प्रति दिन निकाल सकता है। इसके बाद यह सीमा बढ़ाकर प्रतिदिन प्रति कार्ड 4,000 रुपए कर दी जाएगी। इसी तरह, चेक-निकासी पर्चियों के जरिये नकदी निकास में एक दिन में 10,000 रुपए निकासी की सीमा है और एक सप्ताह में 20,000 रुपए निकासी (एटीएम से निकासी सहित) की सीमा है। यह सीमा पहले पखवाड़े से 24 नवंबर तक है।
अधिक मूल्यों के नोटों की निकासी.जमा एटीएम, नकदी जमा मशीनों और नकदी रीसाइक्लर्स के जरिये की जा सकती है। हालांकि इलेक्ट्रानिक लेनदेन की बिना किसी सीमा के साथ की किया जा सकता है।
यह स्कीम 30 दिसंबर, 2016 को बंद हो जाएगी और तब तक व्यक्ति प्रतिबंधित नोटों को वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, शहरी सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों की शाखाओं और विशेष आरबीआई काउंटरों से बदल सकता है। ऐसा करने में विफल रहने वालों को आरबीआई के निर्धारित कार्यालयों में एक सीमित अवसर की पेशकश की जाएगी।
जो लोग देश से बाहर हैं, वे देश में किसी अन्य व्यक्ति को लिखित में अधिकृत कर नोटों को अपने खातों में जमा करवा सकते हैं। अधिक सूचना आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है। (भाषा)