मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Ratan tata and his love for dogs
Last Updated : गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024 (17:59 IST)

बीमार कुत्ते के लिए रतन टाटा ने किंग चार्ल्स को किया था मना, बकिंघम पैलेस में होने था सम्मान

Ratan tata and his dogs
Photo : social media
Ratan tata and his dogs love: सर रतन टाटा का कुत्‍तों के प्रति प्‍यार जगजाहिर है। बचपन से लेकर अब तक वे कुत्‍तों से प्‍यार करते रहे। उनकी संरक्षण में कई कुत्‍तों की देखभाल होती है। यहां तक कि मुंबई में होटल ताज के परिसर में भी कुत्‍तों की आवाजाही या एंट्री पर कोई रोक नहीं है। रतन टाटा ने इस बारे में साफ और सख्‍त निर्देश जारी कर रखे थे कि ताज होटल के परिसर में बैठे या घूमते किसी भी कुत्‍ते को कोई नहीं भगाएगा। यहां तक कि खुद रतन टाटा ने कई कुत्‍ते पाल रखे थे।

कुत्‍ते के लिए चार्ल्‍स को कर दिया मना : रतन टाटा का कुत्‍तों प्रति प्रेम का एक बेहतरीन उदाहरण सामने आया है। उनके पशु प्रेम की पराकाष्ठा यह थी कि उन्‍होंने बकिंघम पैलेस से राजा चार्ल्स के न्योते को अस्वीकार कर दिया। चार्ल्‍स उनका सम्‍मान करना चाहते थे, लेकिन वो इसलिए नहीं गए क्योंकि उनका पालतू कुत्ता बीमार था।

दरअसल, इंग्लैंड के राजा चार्ल्स उन्हें पशु प्रेम के लिए ही सम्मानित करना चाहते थे, लेकिन रतन टाटा ने आखिरी समय पर मीटिंग कैंसिल कर दी। यह किस्सा बिजनेसमैन सुहेल सेठ ने एक वीडियो में बताया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

क्‍या बताया सुहेल सेठ ने : सुहेल सेठ ने बताया कि रतन टाटा का पालतू कुत्ता बीमार था और वे उसे छोड़कर नहीं जाना चाहते थे। सुहेल 2 या 3 फरवरी को लंदन पहुंचे थे। लंदन पहुंचते ही उन्हें रतन टाटा के 11 मिस्ड कॉल मिले। रतन टाटा ने बताया कि उनके कुत्ते टैंगो और टीटो में से एक की तबीयत बहुत खराब है और वे उसे छोड़कर नहीं आ सकते। सुहेल सेठ ने रतन टाटा को समझाने की बहुत कोशिश की कि यह समारोह प्रिंस चार्ल्स के साथ है, लेकिन रतन टाटा अपने फैसले पर अडिग रहे और उन्होंने समारोह में जाना रद्द कर दिया।

हटने के लिए तैयार नहीं कुत्‍ता गोवा : अब जब रतन टाटा नहीं रहे हैं और 10 अक्‍टूबर की शाम 4 बजे करीब उनका अंतिम संस्‍कार किया गया तो उनके साथ रहने वाला उनका एक कुत्‍ता गोवा उनके शव के पास से हटने के लिए तैयार नहीं था। जब अंतिम संस्‍कार के पहले टाटा की पार्थिव देह दर्शन के लिए रखी गई तो वहां उनके कुत्‍ते गोवा को भी लाया गया। लेकिन जब दर्शन के बाद उसे फिर से ले जाया गया तो गोवा वहां से हटने के लिए तैयार नहीं था। वो लगातार देह के पास रहने की कोशिश करता रहा। अपने मालिक की देह को गोवा लगातार निहारता रहा और बेचैन होता रहा। यह दृश्‍य देखकर वहां माहौल और ज्‍यादा गमगीन हो गया और वहां मौजूद हर शख्‍स फफककर रो पड़ा। गोवा नाम का यह कुत्ता रतन टाटा के बेहद करीब था। टाटा सालों पहले इसे गोवा से लाए थे, जिसके बाद इसका नाम 'गोवा' रखा गया।
Edited by Navin Rangiyal