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Last Updated : सोमवार, 25 फ़रवरी 2019 (20:44 IST)

मोदी ने 'राष्ट्रीय समर स्मारक' राष्ट्र को समर्पित किया, 26 हजार सैनिकों के नाम पत्थरों पर लिखे

Rashtreeya samar smarak।  मोदी ने 'राष्ट्रीय समर स्मारक' राष्ट्र को समर्पित किया, 26 सैनिकों के नाम पत्थरों पर लिखे गए - Rashtreeya samar smarak
नई दिल्ली। देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले रणबांकुरों की याद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट के पास 'राष्ट्रीय समर स्मारक' को राष्ट्र को समर्पित किया।
 
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मां भारती के लिए बलिदान देने वालों की याद में निर्मित राष्ट्रीय समर स्मारक आजादी के 7 दशक बाद उन्हें ही समर्पित किया जा रहा है। 'राष्ट्रीय समर स्मारक' की मांग कई दशकों से निरंतर हो रही थी। यह स्मारक आजादी के बाद से देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है।
 
इस अवसर पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें कई दशकों से इस समर स्मारक का इंतजार था। यह स्मारक वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को हमारे वीर सैनिकों के समर्पण और बलिदान की याद दिलाएगा और प्रेरित करेगा। उन्होंने इस अवसर पर वन रैंक, वन पेंशन समेत पूर्व एवं वर्तमान सैनिकों के कल्याण के लिए उनकी सरकार के कार्यों का उल्लेख भी किया।
 
यह स्मारक उन सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने 1947 के युद्ध, 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्धों, 1999 में कारगिल संघर्ष तथा श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के अभियान के दौरान देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च जीवन बलिदान कर दिया।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने 40 एकड़ में फैले युद्ध स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किया। इसकी कुल लागत 176 करोड़ रुपए है। एक वैश्विक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से इसकी डिजाइन चुनी गई। आजादी के बाद शहीद हुए 25,942 भारतीय सैनिकों के नाम यहां पत्थरों पर लिखे गए हैं।
स्मारक की मुख्य संरचना को 4 चक्रों के रूप में बनाया गया है जिनमें से प्रत्येक सशस्त्र बलों के विभिन्न मूल्यों को दर्शाता है। चक्रव्यूह की संरचना से प्रेरणा लेते हुए इसे बनाया गया है। इन चक्रों में अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र शामिल हैं।

इसमें 4 वृत्ताकार परिसर हैं और एक ऊंचा स्मृति स्तंभ भी होगा जिसके तल में अखंड ज्योति दीप्तिमान रहेगी। इसमें 21 परमवीर चक्र विजेताओं की आवक्ष प्रतिमा भी है। इसमें त्याग चक्र में 16 दीवारों का निर्माण किया गया है, जहां 25,942 शहीदों को नमन किया जा सकता है।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान इसका वादा किया था और 2015 में स्वीकृति दी। उन्होंने सोमवार को इसका उद्घाटन किया। पहली बार 1960 में 'राष्ट्रीय समर स्मारक' बनाने का प्रस्ताव सेना की ओर से दिया गया था। 

मोदी जी, युद्ध स्मारक को राजनीति का अखाड़ा मत बनाइए : कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘आदरणीय मोदी जी, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देश के जवानों की क़ुर्बानी का प्रतीक है। अपने शर्मनाक व्यवहार एवं चुनावी भाषण से इसे राजनीति का अखाड़ा मत बनाइए। अपने पद की गरिमा तो गिरा दी। अब वीरों की भूमि पर राजनीतिक गाली-गलौच बंद करें।’
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘हम युद्ध स्मारक के साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री को बताना है कि हम अपने जवानों की जिंदगी कैसे बचाएंगे।’ उन्होंने कहा कि स्मारक अच्छी बात है और अपने प्राण न्योछावर करने वालों को याद करना चाहिए, लेकिन जमीन पर कार्रवाई भी होनी चाहिए।
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