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Last Updated :कोलकाता , मंगलवार, 17 दिसंबर 2024 (19:56 IST)

कोविंद बोले, एक राष्ट्र एक चुनाव मतदान प्रक्रिया को देगा प्रोत्साहन, आर्थिक विकास को मिलेगी गति

कोविंद बोले, एक राष्ट्र एक चुनाव मतदान प्रक्रिया को देगा प्रोत्साहन, आर्थिक विकास को मिलेगी गति - Ramnath Kovind advocated one nation one election
one nation one election: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने मंगलवार को यहां कहा कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव' (one nation one election) संबंधी केंद्र का प्रस्ताव अगर लागू हो जाता है तो इससे चुनाव प्रक्रिया (election process) को प्रोत्साहन मिलेगा और देश के आर्थिक विकास में भी यह मददगार साबित होगा।ALSO READ: एकसाथ चुनाव भाजपा का नहीं, बल्कि देश के संस्थापकों का विचार था : रामनाथ कोविंद
 
कोविंद देश में एकसाथ चुनाव कराने की संभावनाओं पर विचार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष थे। इस समिति का गठन भारत सरकार ने सितंबर 2023 में किया था। कोविंद ने यहां एक आदिवासी संगठन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मतदाता हर साल वोट मांगने वाले राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों से मुलाकात कर थक गए हैं और शायद अब वे उनका इतनी बार सामना नहीं करना चाहते।ALSO READ: एक देश-एक चुनाव पर आगे बढ़ी मोदी सरकार, लोकसभा में बिल पेश, जानें क्या है भाजपा का एजेंडा?
 
5 से 10 साल का वक्त लगेगा : उन्होंने कहा कि एकसाथ चुनाव को पूरी तरह से लागू करने में 5 से 10 साल का वक्त लग सकता है। जब 2029-2030 में या उसके बाद यह प्रस्ताव पूरी तरह से लागू हो जाएगा तो मतदाताओं को हर साल एक या दूसरे चुनाव के लिए मतदान केंद्रों पर नहीं जाना पड़ेगा। इससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर मौजूदा 7.23 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत तक और बढ़ जाएगी।
 
जीडीपी 10 प्रतिशत के आंकड़े तक पहुंचेगी : पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सोचिए कि यदि मौजूदा जीडीपी में 1.5 अंक जोड़ दिए जाएं तो 10 प्रतिशत (जीडीपी) के आंकड़े तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। तब हमारा देश दुनिया की शीर्ष 3-4 आर्थिक महाशक्तियों में शामिल हो जाएगा। कोविंद ने दावा किया कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से पूरी प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिलेगा।ALSO READ: एक राष्ट्र, एक चुनाव के पीछे की भाजपा की मंशा साफ नहीं, क्या बोले वेणुगोपाल
 
उन्होंने कहा कि अगर उम्मीदवारों को हर साल लोगों से वोट मांगना है तो उन्हें यह बताना होगा कि विकास का वादा क्यों नहीं पूरा किया गया? हर साल होने वाले चुनावों के कारण लोग कभी-कभी मतदान केंद्रों पर जाने से कतराने लगते हैं। समिति की 18,000 पन्नों की रिपोर्ट सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध है और इससे आर्थिक प्रशासन सुचारु हो जाएगा।ALSO READ: EVM के आरोप का कोई सिर-पैर नहीं, INDIA Alliance के दल नहीं एकमत, अभिषेक बनर्जी ने कहा- नहीं हो सकती कोई गड़बड़ी, सबूत दिखाएं
 
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि यदि आप एक स्थान पर बैठें तो आप माउस क्लिक करके या मोबाइल पर इसे देख सकते हैं और इसके लिए अलग-अलग पुस्तकालयों में जाने की आवश्यकता नहीं है। विभिन्न संसदीय समितियों की रिपोर्ट का विशाल संकलन एकसाथ संकलित किया गया है।
 
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' प्रस्ताव पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल को याद किया, जब उन्होंने विभिन्न दलों के प्रतिनिधिमंडलों और निर्वाचन आयोग के अधिकारियों एवं अन्य लोगों से मुलाकात की थी।
 
कोविंद ने गरीबों, दलितों और पिछड़ी जातियों की सराहना की : कोविंद ने गरीबों, दलितों और पिछड़ी जातियों से संबंध रखने वाले श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे देश को संभाल रहे हैं। वे संस्कृति के सुंदर स्वरूप का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपनी स्वदेशी संस्कृति को संरक्षित करके भारत की गरिमा को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
 
उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्र निर्माण में भागीदार होने का उन्हें एहसास कराना होगा। हमें उन्हें इस सभागार में कार्यवाही और हमारे भाषणों को सुनने के लिए बुलाना होगा। जब हम इस समावेशिता को वास्तविकता बना देंगे तो राष्ट्र वास्तव में प्रगति करेगा। 'एक राष्ट्र एक चुनाव' जैसे प्रस्तावों के साथ यह पहले से ही उस दिशा में आगे बढ़ रहा है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta