नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मामले में उच्चतम न्यायालय से जल्द फैसला सुनाए जाने की उम्मीद जताते हुए कहा है कि इसके बाद भी मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त नहीं होने पर संत समाज के मार्गदर्शन से आगे की कार्ययोजना तय की जाएगी।
विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को संगठन की 2 दिवसीय केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस साल के अंत तक अयोध्या में मंदिर निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि उन्होंने इस मामले में गैरजरूरी विलंब होने पर देशव्यापी आंदोलन के भी संकेत देते हुए कहा कि संगठन के एजेंडे में फिलहाल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण ही प्राथमिक विषय है।
कुमार ने बताया कि केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक में राम मंदिर, गौरक्षा और रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी के मुद्दों पर विचार किया गया। बैठक में मंदिर मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने का इंतजार करने की अपनी नीति पर कायम रहने का फैसला किया गया।
कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में इस मामले में 6 जुलाई को सुनवाई शुरू होने के बाद हमें उम्मीद है कि अदालत मामले में प्रतिदिन सुनवाई करेगी जिससे जल्द फैसला आ सके। बैठक में केंद्र सरकार से भारतीय गौवंश रक्षण संवर्धन मंत्रालय का गठन करने और रोहिंग्या शरणार्थियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए इन्हें उनके देश भेजने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया।
विहिप के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया द्वारा नया हिन्दूवादी संगठन बनाने के सवाल पर कुमार ने कहा कि महत्वाकांक्षा और व्यक्ति विशेष से निजी द्वेष के भाव से बने संगठन लंबे नहीं चलते हैं। ऐसे किसी संगठन के बनने से विहिप को कोई नुकसान नहीं होगा। (भाषा)