पैरोल पर आया गुरमीत राम रहीम नकली! कद एक इंच बड़ा, पैर भी लंबा, असली हुआ किडनैप
Gurmeet Ram Rahim Singh : रोहतक की सुनारिया जेल से पैरोल पर बाहर आया डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम असली है या नकली से जुड़ी याचिका को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी कते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान याचिकाकर्ताओं ने फिक्शन मूवी देखी है जो इस तरह की फ्रिवियस याचिका (तुच्छ याचिका) डाली गई है।
डेरे की तरह से पेश वकील जितेंद्र खुराना ने कहा कि यह एक पार्टिकुलर ग्रुप है जो जानबूझकर इस तरह को याचिका लगाता है। डेरा की तरफ से पेश वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि 2019 में भी इन्होंने ऐसी ही एक याचिका लगाई गई थी। तब कोर्ट ने 50 हजार रुपए जुर्माना लगाकर याचिका को खारिज कर दी थी। कथित तौर पर गुरमीत राम रहीम के अनुयासी चंडीगढ़ के रहने वाले अशोक कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी और कई तर्क दिए थे।
उनका कहना था कि उत्तप्रदेश के बागपत आश्रम में जो गुरमीत राम रहीम रह रहे हैं वे नकली हैं. अपने बात को साबित करने के लिए उन्होंने याचिका में कहा था कि पैरोल पर बाहर आए राम रहीम का कद पहले की तुलना में बड़ा है। साथ ही वे अपने पुराने सहयोगियों को भी नहीं पहचान पा रहे हैं। याचिका खारिज होने पर उन्होंने कहा कि वे इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।
गुरमीत राम रहीम को पिछले महीने एक माह के पैरोल पर रोहतक की सुनारिया जेल से रिहा किया गया था। जेल से बाहर आने पर राम रहीम यूपी के बागपत में एक आश्रम में रह रहे हैं। इससे पहले भी उन्हें अपनी बीमार मां को देखने के लिए पैरोल मिला था। याचिका में कहा गया था कि बागपत आश्रम में जो राम रहीम रह रहे हैं उनका हाव-भाव असली राम रहीम की तरफ नहीं है। उनका कद भी पहले से एक इंच बड़ा है और पैर भी लंबा है।
याचिकाकर्ता को शक जाहिर करते हुए कहा कि असली राम रहीम को उदयपुर से अपहरण कर लिया गया था। वे या तो मारे जा चुके हैं या फिर मार दिए जाएंगे। ऐसा डेरा की गद्दी हासिल करने के लिए किया गया है। याचिका में हरियाणा सरकार, हनीप्रीत और सिरसा डेरा प्रशासक पीआर जैन को प्रतिवादी बनाया गया था।