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Last Updated :मुंबई , मंगलवार, 26 दिसंबर 2023 (22:34 IST)

राजनाथ दहाड़े, जहाज के हमलावरों को समुद्र की गहराई से भी ढूंढ निकालेंगे

राजनाथ दहाड़े, जहाज के हमलावरों को समुद्र की गहराई से भी ढूंढ निकालेंगे - Rajnath Singh's warning to plane attackers
Rajnath Singh's warning to plane attackers : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार ने वाणिज्यिक पोत 'एमवी केम प्लूटो' (MV Chem Pluto) और 'एमवी साईबाबा' (MV Saibaba) पर हाल में हुए हमलों का गंभीरता से लिया है और वह इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को समुद्र तल से भी ढूंढकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
 
स्वदेशी युद्धक पोत 'आईएनएस इंफाल' को नौसेना में शामिल किए जाने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल ही में वाणिज्यिक पोतों पर हुए हमलों के बाद भारत ने समुद्र में गश्त बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक शक्ति ने कुछ बलों में ईर्ष्या और नफरत की भावना भर दी है।
 
भारत सरकार ने 'एमवी केम प्लूटो' पर ड्रोन हमले और लाल सागर में 'एमवी साईबाबा' पर हमले की घटना को बहुत गंभीरता से लिया है। वाणिज्यिक पोतों पर हाल में हुए हमलों को अंजाम देने वालों को हम समुद्र तल से भी ढूंढकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। अपराधियों को जल्द ही न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
 
राजनाथ को नौसेना की क्षमता और ताकत पर पूरा  भरोसा : राजनाथ ने कहा कि भारत पूरे हिन्द महासागर क्षेत्र में विशुद्ध रूप से एक सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभाता है और यह सुनिश्चित करेगा कि इस क्षेत्र में समुद्री व्यापार अधिक से अधिक ऊंचाई को छुए। रक्षामंत्री ने कहा कि इसके लिए हम अपने मित्र देशों के साथ मिलकर समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखेंगे। हमें अपनी नौसेना की क्षमता और ताकत पर पूरा भरोसा है।
 
क्या बोले नौसेना प्रमुख? : नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना सभी संदिग्ध जहाजों की तलाशी लेने सहित कड़ी कार्रवाई करेगी। एडमिरल ने यहां कहा कि हम नहीं चाहते कि ये हमले और करीब आएं। जो निकटतम हमला हुआ है, वह हमारे तट से लगभग 220 मील दूर है (एमवी केम प्लूटो पर हुए हमले का जिक्र करते हुए) जो हमारे ईईजेड (विशेष आर्थिक क्षेत्र) के बाहर है। लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी करीब आने की हिम्मत न करे।
 
उन्होंने कहा कि 4 विध्वंसकों, पी-8आई विमान, डोर्नियर, सी गार्डियन, हेलीकॉप्टर और तटरक्षक जहाज- सभी को समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों के खतरों का मुकाबला करने के लिए तैनात किया गया है। शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर चालक दल के 21 भारतीय सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज 'एमवी केम प्लूटो' पर ड्रोन हमला किया गया था जिसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता प्रदान करने के लिए कई पोत तैनात किए।
 
'एमवी साईबाबा' कच्चा तेल का टैंकर है जिस पर गैबॉन का ध्वज है और उस पर चालक दल के 25 भारतीय सदस्य थे। अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट किया कि तेल टैंकर भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं था। 'एमवी केम प्लूटो' पर हमले के बारे में एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए एडमिरल कुमार ने कहा कि मलबा एकत्र कर लिया गया है।
 
एडमिरल कुमार ने कहा कि मैं कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता। यह (ड्रोन हमला) कहीं से भी किया जा सकता है। हम इसका विश्लेषण कर रहे हैं कि यह किस प्रकार का हमला है, यदि यह ड्रोन था तो इस किस प्रकार का था? हम सबूतों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसे कहां बनाया गया, इसे कहां से प्रक्षेपित किया गया, यह पता लगाना एक चुनौती होगी। इसमें कई सवालों के जवाब देने हैं। हम नहीं कह सकते कि ये किसने किया है?
 
जहाजों पर हमलों की संख्या बढ़ी : एडमिरल कुमार ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि क्षेत्र में जहाजों पर हमलों की संख्या बढ़ गई है। इस क्षेत्र में 19 नवंबर के बाद से 30 ड्रोन और समुद्री डाकुओं के हमले हुए हैं जिसका मतलब है कि लगभग हर दिन एक हमला। इससे पहले साल में बमुश्किल ऐसी 4 से 5 घटनाएं होती थीं।
 
उन्होंने कहा कि 30 में से लगभग 50 प्रतिशत हमले लाल सागर में हुए हैं और भारतीय ध्वज वाले जहाजों पर कोई हमला नहीं हुआ है। दूसरे देशों के झंडे और कुछ भारतीय चालक दल वाले जहाजों पर हमले की घटनाएं हुई हैं। नौसेना प्रमुख ने कहा कि हमलों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ गई है। हमने अपने वाणिज्यिक पोतों की सुरक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। हमने प्रभावी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
 
भारतीय नौसेना के समुद्री डकैती (पायरेसी) रोधी अभियानों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2008 से भारत समुद्री डकैतीरोधी गश्त और अभियान चला रहा है। उन्होंने कहा कि नौसेना उत्तरी अरब सागर में अभियान संकल्प के माध्यम से जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर अपनी मौजूदगी बनाए हुए है।
 
नौसेना प्रमुख ने कहा कि हमने संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। अदन की खाड़ी और ओमान की खाड़ी में हमारी 2 प्रमुख इकाइयां हैं। मध्य से उत्तरी अरब सागर में हमारी 2 और इकाइयां तैनात हैं और हम इसे और बढ़ाने जा रहे हैं। मैंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं। हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और अतिरिक्त इकाइयां लगाएंगे और उम्मीद है कि हम स्थिति पर नियंत्रण पा लेंगे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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