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Last Modified: गुरुवार, 1 अगस्त 2024 (16:13 IST)

केरल, उत्तराखंड, हिमाचल से जुड़े रेन अलर्ट पर क्या बोले IMD प्रमुख?

kerala landslide
IMD chief on rain alert : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने गुरुवार को कहा कि विभाग ने देश के पश्चिमी तटीय क्षेत्र में नियमित आधार पर अच्छी खासी वर्षा गतिविधि को लेकर पूर्वानुमान जारी किया था और 30 जुलाई की सुबह केरल के लिए रेड अलर्ट जारी किया था। ALSO READ: टपकने लगी 1200 करोड़ में बनी नई संसद की छत, अखिलेश ने कसा तंज
 
आईएमडी प्रमुख ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि मौसम विभाग ने 18 जुलाई और 25 जुलाई को भारत के पश्चिमी तटीय क्षेत्र में अच्छी खासी वर्षा गतिविधि के लिए एक विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया था।
 
महापात्र ने कहा, '25 जुलाई को जारी दीर्घकालिक पूर्वानुमान में 25 जुलाई से एक अगस्त तक पश्चिमी तटीय क्षेत्र और देश के मध्य भागों में अच्छी खासी बारिश की गतिविधि का संकेत दिया गया था। हमने 25 जुलाई को एक येलो अलर्ट जारी किया था, जो 29 जुलाई तक जारी रहा, जब हमने आरेंज अलर्ट जारी किया। 30 जुलाई की सुबह एक रेड अलर्ट जारी किया गया था, जो दर्शाता है कि 20 सेंटीमीटर तक बहुत भारी बारिश होने की उम्मीद है।' ALSO READ: हिमाचल में फटे बादल, बहे पुल और सड़कें, 2 जल विद्युत परियोजनाएं क्षतिग्रस्त
 
क्यों उठे सवाल : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि केरल सरकार ने भारी बारिश के कारण वायनाड में संभावित प्राकृतिक आपदा के बारे में केंद्र की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। मंगलवार सुबह (30 जुलाई) को वायनाड जिले में भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
 
शाह के दावे का जवाब देते हुए, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को कहा कि आईएमडी ने भूस्खलन से पहले जिले में केवल एक आरेंज अलर्ट जारी किया था। उन्होंने कहा कि जिले में 572 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जो आईएमडी द्वारा की गई भविष्यवाणी से काफी अधिक है।
 
क्या है ऑरेंज अलर्ट का मतलब : आईएमडी प्रमुख ने कहा कि आरेंज अलर्ट का मतलब है, कार्रवाई के लिए तैयार रहें और किसी को रेड अलर्ट का इंतजार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी तरह, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए चेतावनी दी गई थी।
 
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की 2 अलग-अलग घटनाओं के बाद तीन लोगों की मौत हो गई और लगभग 40 लोग लापता हो गए। यहां बारिश से कई घर और सड़क बह गई और दो पनबिजली परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाया। महापात्र ने कहा कि यह पता लगाना मुश्किल है कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटा या नहीं।
 
उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, दिल्ली में भी (बुधवार रात को) बहुत कम समय में भारी बारिश हुई। हम इसे अत्यधिक तीव्र वर्षा कहते हैं।
 
क्यों इन राज्यों में हो रही है भारी बारिश : दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश का कारण मानसून की रेखा का (अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण से) उत्तर की ओर खिसकना है। दिल्ली के लिए दो दिन के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया था।
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