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  4. Railway arch bridge built on Chenab is higher than the Eiffel Tower, PM Modi will flag off Vande Bharat
Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 4 जून 2025 (15:44 IST)

एफिल टॉवर से भी ऊंचा है चिनाब पर बना रेलवे आर्च ब्रिज, PM मोदी दिखाएंगे वंदे भारत को हरी झंडी

Chenab Arch Bridge
Chenab Arch Bridge Jammu Kashmir: कश्मीर में चिनाब नदी पर बना रेलवे आर्च ब्रिज भारत की इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को भारत के बाकी हिस्सों से रेल मार्ग द्वारा जोड़ना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को दुनिया के इस सबसे ऊंचे रेलवे ‘आर्च ब्रिज’ चिनाब रेल पुल का उद्घाटन करेंगे। वे जम्मू-कश्मीर के कटरा तथा श्रीनगर के बीच ‘वंदे भारत' ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाएंगे।
 
वास्तुशिल्प की बेमिसाल कृति : चिनाब पुल को वास्तुशिल्प की बेमिसाल कृति बताते हुए बयान में कहा गया कि यह नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर है। यह 1315 मीटर लंबा ‘स्टील आर्च ब्रिज’ है जिसे भूकंप और हवा की हर स्थिति का सामना करने की दृष्टि से तैयार किया गया है। पुल का एक महत्वपूर्ण प्रभाव जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बढ़ाने में होगा। पुल पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के माध्यम से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा करने में केवल 3 घंटे लगेंगे, जिससे मौजूदा यात्रा का समय दो से तीन घंटे कम हो जाएगा।
 
पीएम और भी देंगे सौगात : इसके अनुसार, यह पुल भारत का पहला केबल-आधारित रेल पुल है जो चुनौतीपूर्ण इलाके में देश की सेवा का एक माध्यम होगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री 46 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। कटरा में ही प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर है। प्रधानमंत्री द्वारा जिन अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाना है उनमें 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना है।  
यह लगभग 43,780 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित है और इसमें 36 सुरंगें (119 किमी तक फैली हुई) और 943 पुल हैं। यह परियोजना कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच हर मौसम में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करती है, जिसका लक्ष्य क्षेत्रीय गतिशीलता के परिदृष्य को बदलना और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है।
 
प्रधानमंत्री मोदी विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में अंतिम छोर तक संपर्क को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कटरा में 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले ‘श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस’ की आधारशिला भी रखेंगे। इसमें कहा गया है कि यह रियासी जिले का पहला मेडिकल कॉलेज होगा जो क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
 
चिनाब पर बने आर्च ब्रिज की विशेषताएं
  • यह आर्च ब्रिज चिनाब नदी के तल से 359 मीटर (1178 फुट) की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे पेरिस के एफिल टॉवर से भी लगभग 35 मीटर ऊंचा बनाता है।
  • ब्रिज की कुल लंबाई लगभग 1315 मीटर (4314 फुट) है।
  • पुल की मुख्य आर्च की लंबाई 467 मीटर है, जो इसे दुनिया के सबसे लंबे रेलवे आर्च स्पैन में से एक बनाती है।
  • पुल के निर्माण में उच्च गुणवत्ता वाले स्टील और कंक्रीट का उपयोग किया गया है। इसमें लगभग 30000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है।
  • यह पुल भूकंप जोन-5 क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद भूकंप और 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का सामना कर सकता है। इसे ब्लास्ट-प्रूफ और भूकंपरोधी बनाया गया है।
  • इसकी शेल्फ लाइफ 120 साल है और इसे जंग से बचाने के लिए विशेष पेंट का उपयोग किया गया है।
  • आर्च ब्रिज परियोजना पर लगभग 14 हजार 860 करोड़ रुपए की लागत आई है।
  • यह पुल कश्मीर घाटी को रेल मार्ग से स्थायी रूप से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे इस क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
  • सुरक्षा की ‍दृष्टि से पूरे पुल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और प्रत्येक स्टेशन पर लाइव निगरानी कक्ष हैं।
  • इस पुल को तैयार होने में लगभग 22 साल लगे हैं, जिसमें सुरक्षा और स्थिरता संबंधी चिंताओं के कारण कुछ समय के लिए काम रोका भी गया था।
  • चिनाब रेलवे ब्रिज पर सफल ट्रायल रन भी किए जा चुके हैं।
  • यह पुल 'न्यू इंडिया' की ताकत और दूरदर्शिता का एक गर्वपूर्ण प्रतीक माना जा रहा है।
    Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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