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Last Modified: गुरुवार, 22 सितम्बर 2022 (22:48 IST)

15 राज्यों में PFI के 96 ठिकानों पर रेड, 106 गिरफ्तारियां, क्या लगेगा प्रतिबंध?

15 राज्यों में PFI के 96 ठिकानों पर रेड, 106 गिरफ्तारियां, क्या लगेगा प्रतिबंध? - Raid on 96 locations of PFI in 15 states, 106 arrests, what will be the ban
नई दिल्ली। NIA Raids PFI : नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की अगुवाई में कई एजेंसियों ने गुरुवार को 15 राज्यों में 96 लोकेशंस पर एक साथ छापे मारे। खबरों के मुताबिक देश में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने कहा, यह संगठन कथित ‘‘लव जिहाद’’ की घटनाओं, जबरन धर्म परिवर्तन, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में अपनी भूमिका, मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, मनी लांड्रिंग एवं प्रतिबंधित समूहों से संपर्क को लेकर विभिन्न एजेंसियों की निगाह में था। माना जा रहा है कि इन छापों के बाद संगठन पर प्रतिबंध लग सकता है।
 
आतंकवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा गुरुवार को 15 राज्यों में 96 स्थानों पर की गई छापेमारी को अधिकारियों ने ‘अब तक की सबसे बड़ी जांच प्रक्रिया’ करार दिया। इन छापों के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध की संभावना है।
 
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने कहा कि कई हिंसक कृत्यों में कथित संलिप्तता के लिए पीएफआई, उसके नेताओं और सदस्यों के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में आपराधिक मामले दर्ज किए गए।
 
अधिकारियों ने कहा कि पीएफआई द्वारा कथित रूप से समय-समय पर किए गए आपराधिक और हिंसक कृत्यों में केरल में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्याएं, विस्फोटकों का संग्रह, प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाना, इस्लामिक स्टेट को समर्थन और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से नागरिकों के मन में आतंकवाद का एक प्रभाव पड़ा है।
 
अधिकारियों के अनुसार एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ पहले की गई जांच के तहत 45 लोगों को दोषी ठहराया है। इन मामलों के संबंध में कुल 355 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया है।
 
पिछले साल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि केंद्र सरकार पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है, जिसे पहले ही झारखंड सहित कई राज्यों में अवैध घोषित किया जा चुका है। मेहता ने यह भी कहा था कि पीएफआई के कई पदाधिकारी स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़े पाए गए हैं, जो पहले से ही एक प्रतिबंधित संगठन है।
 
पीएफआई को कथित तौर पर खाड़ी देशों में स्थित अपने हमदर्दों, ज्यादातर भारतीय, से धन प्राप्त होता है। अधिकारियों ने कहा कि देश भर में लगभग एक साथ छापेमारी में, एनआईए के नेतृत्व में बहु-एजेंसी अभियान ने बृहस्पतिवार को देश में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
 
कहां कितने गिरफ्‍तार : सबसे अधिक गिरफ्तारी केरल में हुई। यहां 22 लोगों को पकड़ा गया। इसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक (20-20), तमिलनाडु में 10, असम में 9, उत्तरप्रदेश में 8, आंध्रप्रदेश में 5, मध्यप्रदेश में 4 , पुडुचेरी और दिल्ली में 3-3 और राजस्थान में 2  लोगों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी के दौरान जो गिरफ्तारियां की गईं, उन्हें ‘अब तक की सबसे बड़ी जांच प्रक्रिया’कहा जा सकता है।
 
कब हुई थी पीएफआई की स्थापना : पीएफआई की स्थापना 2006 में हुई थी और अब इसकी केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और मणिपुर सहित दो दर्जन से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कईं शाखाएं हैं। गौरतलब है कि कई सुरक्षा एजेंसियों ने पीएफआई की जड़ें नेशनल डेवलेपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) में होने की बात कही है, जो एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जिसे बाबरी मस्जिद के विध्वंस के परिणामस्वरूप एक साल बाद 1993 में बनाया गया था।
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