नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उदयपुर में की गई टिप्पणी से पीछे हटते हुए कहा कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय दलों का सम्मान करती है और वह 'सर्वेसर्वा' नहीं बनना चाहती। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ाई एक सामूहिक प्रयास है।
लंदन में आइडियाज फॉर इंडिया सम्मेलन में एक संवाद सत्र के दौरान गांधी ने भाजपा नीत सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि भारत में प्रमुख संस्थाओं पर वह हमला कर रही है और मीडिया पर कब्जा कर रही है।
लोगों की आवाज दबाए जाने का आरोप लगाते हुए गांधी ने कहा कि कांग्रेस जनता तक पहुंचेगी और भारत के विचार को बचाने के लिए संघर्ष करेगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए क्षेत्रीय संगठनों के साथ समन्वय करेगी और लोगों तक बड़े पैमाने पर पहुंच बनाएगी।
गांधी ने सम्मेलन में कहा, हमें विपक्ष में अपने दोस्तों के साथ समन्वय करना होगा। मैं कांग्रेस को 'सर्वेसर्वा' के रूप में नहीं देखता। यह विपक्ष के साथ सामूहिक प्रयास है। लेकिन यह भारत को फिर से हासिल करने की लड़ाई है।
कांग्रेस ने शनिवार को इस कार्यक्रम का एक वीडियो जारी किया। गांधी ने कहा, मैंने उदयपुर में जो बात कही, जिसे गलत समझा गया, वह यह है कि यह अब एक वैचारिक लड़ाई है। यह एक राष्ट्रीय वैचारिक लड़ाई है, जिसका अर्थ है कि हम एक तमिल राजनीतिक संगठन के रूप में द्रमुक का सम्मान करते हैं, लेकिन कांग्रेस वह पार्टी है जिसकी राष्ट्रीय स्तर की विचारधारा है।
गांधी ने घंटे भर के संवाद के दौरान कहा कि इसलिए कांग्रेस को अपने बारे में एक ऐसे ढांचे के रूप में सोचना होगा जो विपक्ष को सक्षम बनाता हो। उन्होंने कहा, कांग्रेस किसी भी तरह से अन्य विपक्षी दलों से श्रेष्ठ नहीं है, हम सभी एक ही लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका अपना स्थान है, हमारा अपना स्थान है, लेकिन एक वैचारिक लड़ाई हो रही है जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय दृष्टिकोण और कांग्रेस के दृष्टिकोण के बीच है।
माकपा नेता सीताराम येचुरी और राजद नेता तेजस्वी यादव जैसे विपक्षी दलों के नेताओं की उपस्थिति में क्षेत्रीय दलों पर गांधी की टिप्पणी उदयपुर में कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में उनकी टिप्पणियों के विपरीत हैं। चिंतन शिविर में गांधी ने कहा था कि राष्ट्रीय स्तर पर केवल कांग्रेस ही भाजपा से लड़ सकती है और क्षेत्रीय दल यह लड़ाई नहीं लड़ सकते क्योंकि उनकी कोई विचारधारा नहीं है।
गांधी ने 15 मई को कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था, भाजपा कांग्रेस, उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के बारे में बात करेगी, लेकिन क्षेत्रीय दलों के बारे में बात नहीं करेगी। क्योंकि वे जानते हैं कि क्षेत्रीय दलों की अपनी जगह है लेकिन वे भाजपा को हरा नहीं सकते। क्योंकि उनकी कोई विचारधारा नहीं है।
गांधी ने कहा था, विचारधारा की यह लड़ाई आसान नहीं है। क्षेत्रीय दल यह लड़ाई नहीं लड़ सकते, क्योंकि यह विचारधारा की लड़ाई है। उन्होंने कहा था कि केवल कांग्रेस ही विचारधारा की इस लड़ाई को लड़ सकती है। गांधी की इस टिप्पणी पर विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। विभिन्न दलों ने गांधी पर पलटवार किया और कहा कि आज देश के कई हिस्सों में कांग्रेस मौजूद नहीं है।
लंदन में गांधी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, अब हम भारतीय राज्य के संस्थागत ढांचे से लड़ रहे हैं, जिस पर एक संगठन ने कब्जा कर लिया है और कांग्रेस के लिए एकमात्र तरीका जनता तक जाना है। उन्होंने कहा, यह सिर्फ कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि सभी विपक्षी दलों के लिए है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि जहां तक उदयपुर सम्मेलन का सवाल है, मुद्दा यह है कि कांग्रेस अब अपनी जड़ों की ओर कैसे लौटती है और जनता के बीच जाती है। गांधी ने यह भी कहा कि मीडिया पर भाजपा का शत-प्रतिशत नियंत्रण और संचार तथा संस्थागत ढांचे पर व्यापक नियंत्रण है।
गांधी ने कहा, हम उनके पास मौजूद कोष की बराबरी नहीं कर पाएंगे, हमें संचार और वित्तीय मदद के बारे में बिलकुल नए तरीके से सोचना होगा। हमें एक ऐसे संगठनात्मक ढांचे के बारे में सोचना होगा जो जनता के काफी करीब हो।
कांग्रेस नेता ने कहा, हमें बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों और क्षेत्रीय मामलों पर बड़े पैमाने पर जन आंदोलन के बारे में सोचना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसके लिए क्षेत्रीय दलों से समर्थन चाहेगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत की आत्मा पर भाजपा द्वारा हमला किया जा रहा है और कहा कि बिना आवाज वाली आत्मा का कोई मतलब नहीं है और जो हुआ है वह यह है कि भारत की आवाज को कुचल दिया गया है।
गांधी ने कहा, इसे एक विचारधारा और जिस तरह से प्रौद्योगिकी आगे बढ़ी है, उसके जरिए इसे कुचल दिया गया है। हमारे देश के संस्थागत ढांचे को कुचल दिया गया है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का राज्यों के खिलाफ दुरुपयोग हो रहा है जैसा कि पाकिस्तान में होता है।(भाषा)