केजरीवाल की गिरफ्तारी का उद्देश्य AAP को खत्म करना, संजय बोले- विधायकों की अग्निपरीक्षा
AAP MP Sanjay Singh target on BJP: आम आदमी पार्टी (AAP) ने बुधवार को दावा किया कि दिल्ली के मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा उसके इस रुख की पुष्टि करता है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का उद्देश्य पार्टी को खत्म करना है।
आप के मंत्रियों, विधायकों की अग्निपरीक्षा : आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा हमारे मंत्रियों और विधायकों को तोड़ने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि यह आप के मंत्रियों और विधायकों की अग्निपरीक्षा है।
समाज कल्याण सहित विभिन्न मंत्रालय संभाल रहे आनंद ने पार्टी में दलितों को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और पार्टी भी छोड़ दी।
आनंद को मिली होगी धमकी : सिंह ने जोर देकर कहा कि हालांकि इस्तीफे से पार्टी के कुछ कार्यकर्ता हतोत्साहित हो सकते हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी काफी हद तक संगठन को तोड़ने की कोशिशों के खिलाफ मजबूती से खड़ी रहेगी। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि आनंद को आप छोड़ने की धमकी दी गई होगी।
सिंह ने कहा कि भाजपा आनंद को उस वक्त भ्रष्ट कहा करती थी, जब उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा था, लेकिन अब पार्टी (BJP) उन्हें माला पहनाकर अपने खेमे में स्वागत करेगी।
आनंद का आप पर आरोप : आनंद ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि यह पार्टी (आप) दलित विधायकों, पार्षदों और मंत्रियों का सम्मान नहीं करती है। ऐसी परिस्थितियों में, सभी दलित ठगा हुआ महसूस करते हैं। हम एक समावेशी समाज में रहते हैं, लेकिन अनुपात के बारे में बात करना गलत नहीं है। इन सब चीजों के साथ मेरे लिए पार्टी में बने रहना मुश्किल है।
केजरीवाल पर कटाक्ष : उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर भी कटाक्ष किया, जो आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद से तिहाड़ जेल में बंद हैं और दिल्ली उच्च न्यायालय से कोई राहत पाने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल तक हमें लग रहा था कि हमें फंसाया जा रहा है, लेकिन उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ऐसा लगता है कि हमारी ओर से कुछ गड़बड़ है।
पटेल नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक आनंद ने कहा कि जंतर मंतर से अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलते ही देश बदल जाएगा। राजनीति नहीं बदली है, लेकिन राजनेता बदल गए हैं। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala