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Last Updated : शुक्रवार, 17 दिसंबर 2021 (21:47 IST)

Congress MLA रमेश कुमार के बयान पर Priyanka Gandhi ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा

Congress MLA रमेश कुमार के बयान पर Priyanka Gandhi ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा - Priyanka Gandhi condemns Congress MLAs enjoy rape analogy, says inexplicable how anyone can utter such words
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक आर रमेश कुमार के विवादित बयान पर दिनभर बवाल मचा। बाद में उन्होंने बयान पर माफी मांग ली थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रमेश कुमार के बयान पर ट्‍वीट कर प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं इसकी निंदा करती हूं। बलात्कार एक जघन्य अपराध है, यह समझ से बाहर है कि कोई इस तरह के शब्द कैसे बोल सकता है। 

वाड्रा ने अपने ट्वीट में कहा- मैं केआर रमेश के आज दिए गए बयान की कड़ी निंदा करती हूं। यह समझ नहीं आता कि कोई इस तरह के अक्षम्य शब्दों का इस्तेमाल कैसे कर सकता है। बलात्कार एक जघन्य अपराध है। पूर्ण विराम।
 
बवाल मचने के बाद मांगी माफी : कर्नाटक विधानसभा में ‘जब बलात्कार होना ही है तो इसका आनंद लें’, कहकर विवाद पैदा करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने ‘बिना सोचे समझे’ की गई अपनी टिप्पणी के लिए शुक्रवार को माफी मांगी।
क्या कहा था : कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान पर चर्चा के दौरान कई विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए बोलने का मौका चाहते थे। विधानसभा अध्यक्ष कागेरी ने खुद को मुश्किल में पाया क्योंकि वह जल्द से जल्द चर्चा को समाप्त करना चाहते थे जबकि विधायक समय बढ़ाने पर जोर दे रहे थे।
 
कागेरी ने हंसते हुए कहा कि मैं ऐसी स्थिति में हूं जहां मुझे आनंद लेना है और मुझे ‘हां, हां’ कहना है। इस समय मुझे ऐसा ही लगता है कि मुझे स्थिति को नियंत्रित करना छोड़ देना चाहिए और कार्यवाही को व्यवस्थित तरीके से चलने देना चाहिए और सभी से अपनी बात जारी रखने के लिए कहना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी एक ही शिकायत है कि सदन का कामकाज नहीं हो रहा है।

इस पर रमेश कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘एक कहावत है - जब बलात्कार अपरिहार्य हो तो प्रतिरोध नहीं करो और आनंद लो। ठीक इसी स्थिति में आप हैं।’’ पूर्व मंत्री अपने इस बयान के लिए अपनी ही पार्टी के विधायकों सहित विभिन्न वर्गों के निशाने पर आ गए।
सदन में मांगी माफी : जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, कुमार खड़े हो गए और कहा कि उन्होंने (गुरुवार को विधानसभा में) एक बयान दिया, जिसे लोगों ने अपमानजनक पाया। कुमार ने कहा कि हालांकि, मेरा इरादा कभी भी इस सदन की गरिमा को कम करने या निम्न व्यवहार करने का नहीं था।

मैं अपना बचाव नहीं करूंगा। अगर इससे देश के किसी भी हिस्से के लोगों को ठेस पहुंची है तो मैं सदन की कार्यवाही के दौरान अपने बयान के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं,। कन्फ्यूशियस के एक प्रसिद्ध कथन का हवाला देते हुए कुमार ने कहा, ‘‘एक गलती को अस्वीकार करना कई गलतियों के बराबर है।

कुमार ने कहा कि लोगों ने पहले ही अपना फैसला सुना दिया है और मैं क्षमा चाहता हूं।’कुमार ने अपने बयान के लिए अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी से माफी भी मांगी। अध्यक्ष ने भी उनकी माफी स्वीकार कर ली और सदस्यों, विशेषकर महिला विधायकों से मामले को आगे नहीं खींचने और इसे बड़ा मुद्दा नहीं बनाने की अपील की। 
 
कुछ महिला विधायक इस मुद्दे को उठाना चाहती थीं लेकिन कागेरी ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया और प्रश्नकाल शुरू करने की अनुमति दी। इससे पहले, रमेश कुमार ने ट्वीट किया कि मैं विधानसभा में ‘बलात्कार' को लेकर की गई अपनी असंवेदनशील और लापरवाहीपूर्ण टिप्पणी के लिए आज सभी से ईमानदारी से माफी मांगना चाहता हूं। मेरा इरादा इस जघन्य अपराध को मामूली या हल्का बनाना नहीं था, बल्कि बिना सोचे समझे की गई टिप्पणी थी। मैं अब से अपने शब्दों को सावधानी से चुनूंगा।’’
नेताओं ने जताई कड़ी आपत्ति : हालांकि भाजपा, राष्ट्रीय महिला आयोग और कांग्रेस की कुछ महिला विधायकों ने बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। खानपुर से कांग्रेस की विधायक अंजलि निंबालकर ने इस पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने ट्वीट किया कि सदन को इस तरह के घृणित और शर्मनाक व्यवहार के लिए पूरी नारी जाति, इस देश की हर मां, बहन और बेटी से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस की एक अन्य विधायक सौम्या रेड्डी ने भी अपने ट्वीट में इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह ठीक नहीं है।

इस पर माफी मांगने की जरूरत है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अपने ट्वीट में कुमार के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास अब भी ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो महिलाओं के प्रति दुर्भावना रखते हैं और उनके प्रति इस तरह की मानसिकता रखते हैं। शर्मा ने लिखा कि यह वाकई घृणित है।

अगर वे सदन में बैठकर इस तरह की बात करते हैं तो वे अपने जीवन में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे?’ नई दिल्ली में भाजपा प्रवक्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया।
 
विधानसभा अध्यक्ष की कर दी आलोचना : हालांकि भाजपा को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब पार्टी की प्रवक्ता अपराजिता सारंगी ने कांग्रेस विधायक की टिप्पणी पर आपत्ति न जताने के लिये कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष की ही आचोलना कर दी, जोकि सत्तारूढ़ दल भाजपा से हैं। अपराजिता ने कहा, 'दुख की बात यह है कि स्पीकर ने इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी पर कुछ नहीं कहा बल्कि हंस दिये।'
 
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने हालांकि स्पीकर का बचाव किया। राठौर ने कहा कि कागेरी ने कोई बयान नहीं दिया और चीजों को निहित नहीं किया जाना चाहिए। चंद्रशेखर ने कुमार पर महिलाओं के खिलाफ अपराध को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया। संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनके साथ उपस्थित अपराजिता सारंगी ने बाद में स्पष्ट किया कि उनका मतलब कुमार से था क्योंकि वे एक पूर्व स्पीकर हैं।