Inauguration of Z-Morh Tunnel : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सोनमर्ग में बहुप्रतीक्षित जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने आज दोपहर केंद्रीय मंत्री नितिन जयराम गडकरी, डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य अधिकारियों के साथ सुरंग का उद्घाटन किया। सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन पूर्वी पोर्टल से किया गया। प्रधानमंत्री ने परियोजना में लगे श्रमिकों और इंजीनियरों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इसे संभव बनाया। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने कहा कि सुरंग से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार पैदा होगा।
पीएम मोदी, सीएम उमर, सांसद मियां अल्ताफ और विधायक मेहर अली को धन्यवाद देते हुए लोगों ने बताया कि वे सुरंग के उद्घाटन के लिए सुबह 4 बजे से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे उनकी लंबे समय से चली आ रही कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान होगा। यह क्षेत्र, जो पहले भारी बर्फबारी के कारण छह महीने से अधिक समय तक कटा रहता था, अब सालभर संपर्क में रहेगा।
उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने अन्य केंद्रीय मंत्रियों और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ सुरंग का दौरा किया। सुरंग का दौरा करने के बाद वे सीधे मुख्य स्थल की ओर चले गए। गौरतलब है कि 6.5 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग-मोड़ सुरंग से सोनमर्ग तक सालभर श्रीनगर से पहुंचा जा सकेगा, जो पहले कठोर सर्दियों की वजह से मुश्किल था।
6.4 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग सोनमर्ग को सभी मौसमों में पर्यटन स्थल बनाती है और इसे गंदरबल जिले के कंगन शहर से जोड़ती है। इसकी सामरिक और रक्षा संबंधी क्षमता पर्यटन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गंदरबल-लेह राजमार्ग को पूरे साल खुला रखेगी, जबकि पास में ही एक और जोजिला सुरंग 2028 में बनकर तैयार हो जाएगी।
इस राजमार्ग से पूर्वी सीमा पर चीन के खिलाफ वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा के लिए लद्दाख में तैनात सेना और सुरक्षा बल शस्त्रागार के अलावा सामान और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं का परिवहन करते हैं।
सुरंग जिसका नाम सड़क के जेड-आकार वाले खंड से लिया गया है, जहां इसे बनाया गया है।
ये सिंध नदी से 8,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। 2012 में परिकल्पित, सुरंग का निर्माण पहले सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाना था, लेकिन बाद में इसे राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड को सौंप दिया गया। निर्माण का ठेका एप्को इंफ्राटेक को दिया गया था। मूल रूप से अगस्त 2023 तक पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट देरी से शुरू हुआ। फरवरी 2024 में इसका साफ्ट लांच हुआ था, लेकिन जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों के कारण आधिकारिक उद्घाटन में देरी हुई।
सोनमर्ग-मोड़ सुरंग पर काम मई 2015 में शुरू हुआ था, लेकिन वित्तीय चुनौतियों के कारण 2018 में प्रारंभिक ठेकेदार इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज द्वारा परिचालन बंद करने के बाद देरी का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2019 में इस परियोजना के लिए फिर से निविदा जारी की गई और जनवरी 2020 में।
मूल रूप से तत्कालीन सरकार के दौरान शुरू की गई इस परियोजना की आधारशिला अक्टूबर 2012 में तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री सीपी जोशी ने रखी थी। शुरुआत में 2016-2017 तक पूरा होने का अनुमान था, लेकिन 2,716.90 करोड़ रुपए की लागत वाली यह सुरंग अब पूरी हो चुकी है, जिससे सोनमर्ग तक सालभर पहुंच और लेह की यात्रा में सुधार का वादा किया गया है।