नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की एक सप्ताह की यात्रा से लौटने पर शनिवार रात कहा कि 2014 के मुकाबले दुनिया की नजरों में भारत का मान बढ़ा और पूरी दुनिया भारत एवं अमेरिका के बीच बढ़े संबंधों को नए वैश्विक समीकरण की रूप में देखने लगी है। स्वदेश लौटते ही मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक को या किया व कहा कि मैं पूरी रात नहीं सोया था।
मोदी ने अमेरिका से लौटने के बाद शनिवार को यहां पालम टेक्निकल एरिया वायुसेना के हवाई अड्डे के बाहर उनके सम्मान के लिए पहुंचे उनके प्रशंसकों को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के जरिए जिस तरह से दुनिया में भारत की शक्ति का संदेश पहुंचा है, उससे दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है तथा देश के प्रति स्वीकृति बढ़ी है और आदर बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि 2014 में सरकार बनने के बाद वे अमेरिका गए थे और तब भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में शामिल हुए थे और इस बार भी वह चुनाव जीतने के बाद सम्मेलन में गए। उन्होंने कहा कि इस बार उन्होंने देखा कि भारत का दुनिया में जबरदस्त मान-सम्मान बढ़ा है। इसका कारण भारत के 130 करोड़ लोग हैं जिन्होंने अधिक मजबूत सरकार बनाई है। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत को जो सम्मान मिला है उसका श्रेय भारत की सवा अरब आबादी तथा पूरी दुनिया में फैले भारतीयों को जाता है।
प्रधानमंत्री ने 3 वर्ष पहले शनिवार के ही के दिन हुई सर्जिकल स्ट्राइक को याद करते हुए कहा कि आज शनिवार से 3 साल पहले 28 सितबंर को मैं पूरी रात सोया नहीं था। हर पल जागता रहा कि टेलीफोन की घंटी कब बजेगी? वह पल भारत के वीर जवानों की स्वर्णिम गाथा लिखने वाला था। 3 साल पहले शनिवार के ही दिन भारत के वीर जवानों ने पूरी दुनिया में भारत की आन-बान-शान और पराक्रम को देखा था। मैं अपने जीवन को मु्ट्ठी पर लेकर गए वीर जवानों के शौर्य को प्रणाम करता हूं।
पालम टेक्निकल एरिया हवाई अड्डे पर मोदी का विमान करीब 8 बजकर 5 मिनट पर रनवे पर उतरा। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा के उपाध्यक्ष श्याम जाजू, राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ, दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन, सांसद हंसराज हंस, मीनाक्षी लेखी, प्रवेश वर्मा और रमेश विधूड़ी, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता और पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया।
पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना था कि प्रधानमंत्री ने अमेरिकी धरती पर जिस प्रकार देश का गौरव बढ़ाया है और संयुक्त राष्ट्र के मंच से पाकिस्तान को बेनकाब किया है, उसे देखते हुए एक बड़े जश्न की तैयारी की गई।
मोदी के वाहनों का काफिला जैसे ही हवाई अड्डे से निकला, वैसे ही लोगों ने 'भारतमाता की जय' के नारों से उनका स्वागत किया। वायुसैनिक अड्डे के बाहर दिल्ली के मंच पर मोदी इस संक्षिप्त संबोधन के बाद नीचे उतरे और पैदल ही थिमैया मार्ग पर चल पड़े। थिमैया रोड पर 25 हजार से अधिक लोग सड़क के दोनों ओर हाथों में तिरंगा लिए हुए जमा थे। प्रधानमंत्री ने सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों का अभिवादन किया जबकि लोगों ने उन पर गुलाब एवं अन्य फूलों की पंखुड़ियां फेंककर स्वागत किया। कुछ दूरी तक पैदल चलने के बाद वे गाड़ी में सवार हो गए।
दिल्ली पुलिस ने प्रधानमंत्री के लौटने के मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। अर्द्धसैन्य बलों की 9 कंपनियां तैनात हैं। तमाम एजेंसियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद रहेगी। काफिले के मार्ग पर पड़ने वाले मकानों की छतों पर भी जवानों को तैनात किया गया था।
मोदी 20 सितंबर की मध्यरात्रि को अमेरिका की यात्रा पर रवाना हुए थे। वे सबसे पहले टेक्सास प्रांत की राजधानी ह्यूस्टन पहुंचे थे, जहां 22 सितंबर को मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम में 50 हजार से अधिक प्रवासी भारतीयों के कार्यक्रम 'हाउडी मोदी' में शिरकत की। इसके बाद वे न्यूयॉर्क में रहे और 20 से अधिक विश्व नेताओं से मिले और कई बहुपक्षीय एवं व्यापारिक बैठकों में हिस्सा लिया।
शुक्रवार, 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन को संबोधित करने के बाद मोदी स्वदेश के लिए रवाना हुए थे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन और अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री को हवाई अड्डे पर विदाई दी थी।
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने कार्यक्रम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिका के लोगों को स्वागत के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने रवानगी से पहले कई ट्वीट किए और कहा कि वे 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम को कभी भूल नहीं पाएंगे जिसे ट्रंप ने अपनी उपस्थिति से खास बना दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं असाधारण स्वागत और गर्मजोशी के लिए अमेरिका के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहूंगा व मैं धन्यवाद भी कहना चाहूंगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी कांग्रेस एवं सरकार के अन्य सम्मानित सदस्यों को धन्यवाद।