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Last Modified: मंगलवार, 29 जनवरी 2019 (15:13 IST)

पीएम मोदी की स्टूडेंट्स के साथ 'परीक्षा पे चर्चा', जानिए खास 10 बातें....

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में देशभर के छात्रों से 'परीक्षा पे चर्चा' की। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिए। पिछले वर्ष भी यह कार्यक्रम आयोजित हुआ था। पीएम मोदी की परीक्षा पे चर्चा की खास 10 बातें-
 
1. पीएम मोदी ने कहा परीक्षा में दबाव होता है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों पर थोपे नहीं। बच्चों को डांटते रहना ठीक नहीं है।
2. क्लास की परीक्षा समझो, जिंदगी की नहीं। परीक्षा के बाहर बहुत बड़ी दुनिया। एकाध जिंदगी इधर-उधर हो जाए तो जिंदगी ठहरती नहीं। जिंदगी का मतलब है जी जान से लगे रहना। निराशा से किसी का भला होने वाला नहीं है। 
3. ऑनलाइन गेम के सवाल पर पीएम मोदी ने पूछा- ये पबजी वाला या फ्रंटलाइन वाला गेम क्या है? तकनीक बच्चों को रोबोट बना रही है। टेक्नोलॉजी से निकम्मा होना ठीक नहीं है। टेक्नोलॉजी का आज बहुत योगदान। माता-पिता टेक्नोलॉजी पर बच्चों से बात करें। सोशल स्टेटस के कारण तनाव न पालें। तकनीक का सही फायदा बच्चों को पहुंचाएं। प्ले स्टेशन से प्ले फील्ड की तरफ जाना चाहिए। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सीखने के लिए होना चाहिए।
4. पीएम मोदी ने कहा कि लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में हो, लेकिन पकड़ में न हो। लक्ष्य हमेशा बड़ा होना चाहिए। कोई लक्ष्य बेकार नहीं जाता है।
5. थकान के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि जरा मां की थकान के बारे में सोचें। दबाव न लें, इससे डर पैदा होता है। बदलाव दिखे तो तुरंत कदम उठाएं।
6. कसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार के साथ निपटते हैं, उस पर निर्भर करता है। मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है।
7. हमें आकांक्षाओं को उजागर करना चाहिए, देश तभी चलता है। अपेक्षाओं के बोझ में दबना नहीं चाहिए। हमें अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने आपको सिद्ध करना चाहिए।
8. लोग कहते हैं कि मोदी ने बहुत आकांक्षाएं जगा दी हैं, मैं चाहता हूं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की सवा सौ करोड़ आकांक्षाएं होनी चाहिए।
9. निराशा में डूबा हुआ समाज या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता, इसीलिए आशा और अपेक्षा अनिवार्य होती है।
10. जो सफल लोग होते हैं, उन पर समय का दबाव नहीं होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने समय की कीमत समझी होती है।