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Last Updated : रविवार, 25 जून 2017 (11:55 IST)

मन की बात में मोदी ने पढ़ी अटलजी की यह कविता...

मन की बात में मोदी ने पढ़ी अटलजी की यह कविता... - PM Modi Mann ki baat atalji poem
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में आपातकाल के बुरे दिनों को या‍द किया। उन्होंने कहा कि 25 जून, 1975 की रात भारतीय लोकतंत्र के लिए काली रात थी। इमरजेंसी के दौरान अटलजी जेल में थे। उस रात को कोई भारतवासी, कोई लोकतंत्र प्रेमी भुला नहीं सकता। एक प्रकार से देश को जेलखाने में बदल दिया गया था।
 
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उन्होंने कहा कि विरोधी स्वर को दबोच दिया गया था। जयप्रकाश नारायण सहित देश के गणमान्य नेताओं को जेलों में बंद कर दिया था। न्याय व्यवस्था भी आपातकाल के उस भयावह रूप की छाया से बच नहीं पाई थी। पीएम मोदी ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता भी पढ़ी, जो उन्होंने उस दौर में लिखी थी। पढ़िए वह कविता... 

एक बरस बीत गया 
झुलसाता जेठ मास
शरद चांदनी उदास
सिसकी भरते सावन का अंतरघट रीत गया
एक बरस बीत गया
 
सींकचों में सिमटा जग
किंतु विकल प्राण विहग
धरती से अंबर तक
गूँज मुक्ति गीत गया
एक बरस बीत गया।
 
पथ निहारते नयन
गिनते दिन पल छिन
लौट कभी आएगा
मन का जो मीत गया
एक बरस बीत गया।