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Last Modified: सोमवार, 6 जून 2022 (22:48 IST)

आस्था के प्रतीकों के अपमान के खिलाफ कानून बनाया जाए : पर्सनल लॉ बोर्ड

आस्था के प्रतीकों के अपमान के खिलाफ कानून बनाया जाए : पर्सनल लॉ बोर्ड - Personal Law Board said, a law should be made against insulting symbols of faith
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने 2 नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई की सराहना करते हुए सोमवार को कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।

बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने एक बयान में यह भी कहा कि आस्था के प्रतीकों के अपमान को रोकने एवं ऐसे मामलों में कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए कानून बनाया जाना चाहिए।

भाजपा ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था और दिल्ली के अपने मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दोनों नेताओं की कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई है।

रहमानी ने कहा, सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोगों ने पैगंबर पर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की, जिससे देश के सभी मुसलमानों को सख़्त तकलीफ़ पहुंची और वैश्विक स्तर पर भी इसके कारण देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को पार्टी से निलंबित करना निश्चित रूप से अच्छी बात है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। ऐसे कुकृत्य करने वालों को कठोर दंड दिया जाए, उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की जाए।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया, ऐसा क़ानून बनाया जाए जो विभिन्न धर्मों के पवित्र व्यक्तित्वों (आस्था के प्रतीकों) के अपमान को निंदनीय अपराध घोषित करता हो और उस पर तत्काल और उचित क़ानूनी कार्यवाही हो सके।

रहमानी ने इस मामले को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन को उचित और स्वाभाविक करार देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध जिस प्रकार ‘एकतरफ़ा और भेदभावपूर्ण’ कार्यवाही की जा रही है, वह अफ़सोसनाक और निंदनीय है।(भाषा)
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