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Last Updated :जम्मू , सोमवार, 3 जुलाई 2023 (18:44 IST)

4 महीने बाद फिर पकड़े परफ्यूम बम, निशाने पर थी अमरनाथ यात्रा

4 महीने बाद फिर पकड़े परफ्यूम बम, निशाने पर थी अमरनाथ यात्रा - Perfume bomb caught again after 4 months in Jammu and Kashmir
Perfume bombs recovered from terrorist : 4 महीने में दूसरी बार किसी हाइब्रिड आतंकी से बरामद 4 परफ्यूम बमों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे सुरक्षाबलों के पांव तले से जमीन जरूर खिसकाई है। इनका इस्तेमाल अमरनाथ यात्रा में हमले के लिए होना था। इसके बाद अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा और कड़ी करने का दावा किया जा रहा है। अभी तक वे पिछले कुछ महीनों से स्टिकी बमों का मुकाबला करने के लिए जुगाड़ ही तलाश नहीं कर पाए थे।

इससे पहले इसी साल 3 फरवरी को आतंकियों से पहली बार एक परफ्यूम बम बरामद किया गया था। श्रीनगर इलाके में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक सहयोगी पकड़ाया है। पुलिस छानबीन में उसके पास से चार परफ्यूम आईईडी बरामद किए गए।

पुलिस पूछताछ कर उसके आतंकी नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है। पुलिस यह भी पता करने की कोशिश कर रही है कि हाल की घटनाओं में उसका हाथ था या नहीं। हालांकि पुलिस का दावा है कि वह इन परफ्यूम बमों का इस्तेमाल अमरनाथ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को निशाना बनाने के लिए करना चाहता था।

जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केंद्र शासित प्रदेश के बटमालू बस स्टैंड से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक सहयोगी आतंकवादी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आज सुबह यह जानकारी दी। पकड़े गए आरोपी की पहचान यासिर अहमद इट्टू के रूप में हुई है। श्रीनगर पुलिस ने बताया कि उसके पास से चार परफ्यूम इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद किए गए।

यासिर के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। श्रीनगर पुलिस ने कहा कि विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3/5, आईए अधिनियम की 7/25 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13, 23 के तहत बटमालू थाने में आईआर दर्ज की गई है।

आतंकवाद की शुरूआत के साथ ही जम्मू-कश्मीर में बड़े हथियारों और गोला-बारूद का आना इसलिए संभव हुआ था, क्योंकि एलओसी पर न ही तारबंदी थी और न ही इतनी संख्या में सैनिक कभी तैनात हुए थे, पर अब हालात बदले तो पाकिस्तानी खुफिया संस्था आईएसआई व पाक सेना ने भी अपनी रणनीतियों को बदल लिया।

नतीजतन आतंकियों के ‘खास पसंद’ और धमाके करने में आसान वाले हथियारों को वह वाया ड्रोन इस ओर भिजवा रही है। इनमें अभी तक हथगोले, टिफिन बम, प्रेशर कुकर बम, स्टिकी बम और छोटी-छोटी आईईडी थी, पर अब इनमें परफ्यूम की बोतल टाइप के बोतल बम भी शमिल हो गए हैं।

अधिकारियों को आशंका है कि पाक सेना ने और भी कुछ आइटमों को छोटे बमों में बदला है जिनकी पहचान कर पाना आसान नहीं है। अधिकारियों ने इसे माना है कि पिछले कुछ महीनों से अगर कश्मीर में हथगोलों के हमले बढ़े हैं तो जम्मू संभाग में स्टिकी बम आतंक फैलाए हुए हैं।

पकड़े गए अध्यापक-आतंकी ने भी इसे माना है कि कटड़ा में यात्री बस में विस्फोट में उसने स्टिकी बम लगाया था, जिसे कई दिनों तक पुलिस इंजन में हुआ धमाका बताती रही थी। इस घटना में चार श्रद्धालु मारे गए थे। अब सुरक्षाबलों के लिए परेशानी यह है कि वह ड्रोन की उड़ानों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

खबरों के मुताबिक, दरअसल एलओसी के इलाकों में पाक सेना ऐसे चीन निर्मित ड्रोनों का इस्तेमाल करने लगी है, जो न ही आवाज करते हैं और न ही कोई रोशनी उनमें होती है। यह भी बताया जा रहा है इनमें से कई राडार की पकड़ में भी नहीं आ रहे हैं। एक ऐसा ड्रोन बरामद भी हो चुका है, पर इसकी आधिकारिक पुष्टि होना अभी बाकी है।
Edited By : Chetan Gour