केवीके में खाली पड़े 1440 पदों को भरने के लिए ठोस कदम उठाए सरकार, संसदीय समिति ने की सिफारिश
नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने गुरुवार को केंद्र सरकार से 717 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में 1440 पदों को भरे जाने को लेकर ठोस कदम उठाने की सिफारिश की है।इन केवीके में से ज्यादातर राज्य सरकारों के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं।
देशभर में फैले कुल 717 केवीके में से 468 राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं। इसके अलावा 65 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के संस्थानों और 22 केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों के नियंत्रण में हैं। प्रत्येक केवीके में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख तथा विषय से जुड़े छह विशेषज्ञ रखे जाने का प्रावधान है।
भाजपा सांसद पी. चंदनगौडा गद्दीगौडर की अध्यक्षता वाली कृषि पर संसद की स्थाई समिति ने लोकसभा में गुरुवार को पेश अपनी रिपार्ट में 2019-20 की अनुदान मांगों पर गौर करते हुए केवीके में खाली पड़े पदों को भरे जाने की सिफारिश की।
मंत्रालय ने इस मामले में समिति को सूचित किया कि ज्यादातर केवीके राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के नियंत्रण में हैं। ये विश्वविद्यालय राज्य सरकारों के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं। केंद्रीय मंत्री और अधिकारियों ने राज्यों को केवीके में खाली पड़े पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने को कहा है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि 717 केवीके में फिलहाल 1,440 पद खाली पड़े हैं। इसमें 214 पद वरिष्ठ वैज्ञज्ञनिकों और प्रमुखों के हैं, जबकि 1,226 पद विषय से जुड़े विशेषज्ञों के हैं। समिति ने केवीके को मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर दिया और मंत्रालय के जवाब पर असंतोष जताया। रिपोर्ट में मंत्रालय से केवीके में खाली पड़े पदों को तत्काल भरने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा गया है।(भाषा)