नई दिल्ली / जम्मू। श्रीनगर। पाकिस्तान ने एक बार फिर हदें पार की हैं। पाक सेना ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के कृष्णा घाटी सेक्टर में मेंढर में संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के साथ ही उसकी बॉर्डर एक्शन टीम के हमले किए गए। नतीजतन जिन दो भारतीय सैनिकों की मौत हुई उनके शवों को क्षत-विक्षत भी कर दिया गया। गैर सरकारी समाचारों के अनुसार, एक सैनिक का पाकिस्तानी सिर भी काट कर ले गए पर इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
घटना के बाद गुस्साई भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई इलाकों को मोर्टार और तोपखानों से पाट दिया था जबकि सेना की नार्दन कमांड ने प्रेस नोट जारी करके कहा है कि कार्रवाई का बदला लिया जाएगा जिसके लिए समय और जगह भारतीय सेना तय करेगी।
कृष्णा घाटी में पाकिस्तान ने पहले रॉकेटों और भारी हथियारों से हमला किया। बीएसएफ और सेना के जवानों की एक टुकड़ी इस इलाके में यह जांच करने गई कि क्या फायरिंग के बीच पाकिस्तान ने कुछ आतंकियों को भारतीय सीमा में भेजने की साजिश रची है? इसी दौरान दो पोस्ट के बीच कुछ सैनिक दूर निकल गए। वहां छुपकर बैठी बैट और आतंकियों ने सैनिकों को गोली मारी और बाद में उनके शवों के साथ बर्बरता की। आमतौर पर बैट तब ही एक्शन में आती है जब आतंकियों की घुसपैठ करानी होती है।
भारतीय सैनिकों पर हमले की घटना को पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम यानी बैट ने अंजाम दिया है। बता दें कि पहले भी भारतीय सैनिकों के शवों के साथ बर्बरता हुई है और हर बार इसके लिए बैट को जिम्मेदार ठहराया गया।
भारतीय सेना ने एक नोट जारी करके कहा है कि शहीद भारतीय सैनिकों के साथ बर्बरता की गई है। शहीदों के शव को क्षत-विक्षत कर दिया है। सीजफायर उल्लंघन में सेना के एक जेओसी और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल की मौत हो गई, जबकि एक अन्य जवान जख्मी हो गया है। भारतीय सेना के नॉर्दर्न कमांड ने कहा कि सीमावर्ती जिले पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में यह घृणित घटना घटी।
भारतीय सेना के उत्तरी कमान ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने कृष्णा घाटी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर दो अग्रिम चौकियों पर बिना उकसावे के रॉकेट और मोर्टार दागे। इसी वक्त बैट ने दोनों चौकियों के बीच गश्ती अभियान पर कार्रवाई शुरू की। बयान में कहा गया है कि गश्त पर तैनात हमारे दो सैनिकों के शवों को विकृत करके पाकिस्तानी सेना ने सैनिकों जैसा व्यवहार नहीं किया है। भारतीय सेना ने इस घृणित कृत्य पर उचित प्रतिक्रिया देने की चेतावनी दी है।
पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने रविवार को एलओसी का दौरा किया था और कहा कि उनका देश कश्मीरियों के ‘आत्म-निर्णय’ के अधिकार के लिए किए जा रहे ‘राजनीतिक संघर्ष’को समर्थन देता रहेगा। बाजवा ने जवानों के साथ बातचीत में कहा था कि हम हमेशा आत्मनिर्णय के अधिकार और बुनियादी मानवाधिकारों को सहारा देने के लिए हो रहे सही उनके (कश्मीरियों के) राजनीतिक संघर्ष के लिए उनका समर्थन देते रहेंगे।
खास बात यह है कि रविवार को ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा एलओसी पर गए थे। उन्होंने वहां पाकिस्तानी सैनिकों से मुलाकात की थी। रविवार को जिस जगह (हाजी पीर सेक्टर) में बाजवा मौजूद थे, वहां से सिर्फ 30.2 किलोमीटर दूर पुंछ के कृष्णा घाटी इलाके में भारतीय सैनिकों से बर्बरता हुई। बाजवा रविवार को एलओसी के हाजी पीर सेक्टर पहुंचे थे। यहां उन्होंने बॉर्डर के हालात का जायजा लिया और वहां तैनात पाकिस्तानी सैनिकों से मुलाकात की थी।
इस दौरान बाजवा ने साफ कहा था कि पाकिस्तान कश्मीरियों की सियासी जंग में उनकी मदद जारी रखेगा। उन्होंने सैनिकों से किसी भी हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने को भी कहा था। बाजवा रविवार दोपहर करीब 12 बजे हाजी पीर गए थे और भारतीय सैनिकों के शवों के साथ बर्बरता की घटना सोमवार सुबह करीब 8.30 बजे हुई। हाजी पीर से कृष्णा घाटी की दूरी 30 किलोमीटर से कुछ ही ज्यादा है। साफ है कि बाजवा के दौरे को भारतीय सैनिकों के साथ हुई बर्बरता से अलग करके नहीं देखा जा सकता।
दरअसल, एलओसी पर गर्मियों का वक्त बेहद अहम होता है। इस दौरान पहाड़ों पर बर्फ पिघलती है और इसका फायदा उठाकर पाकिस्तान आतंकी घुसपैठ की साजिश को अंजाम देने की कोशिश करता है। एलओसी पर कुछ जगह ऐसी हैं, जहां फेंसिंग लगाना बेहद मुश्किल है। यह इलाका दलदली है और यहां कई खतरे होते हैं। पाकिस्तान इस इलाके से वाकिफ आतंकियों को बैट टीम के साथ भेजता। सोमवार को हुई घटना भी इसी तरह होने का अनुमान है।
एलओसी पर पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले साल 28 अक्टूबर में एक जवान मनदीप सिंह के शव का भी पाकिस्तान की सेना ने अपमान किया था। पाकिस्तानी आर्मी के कवर फायर का फायदा उठाते हुए आतंकी एलओसीके रास्ते घुसे और एक जवान की जान ले ली। उसके बाद जवान के शव को क्षत-विक्षत कर दिया। यह घटना भी मच्छेल सेक्टर में ही हुई थी।
जून 2008 में गोरखा राइफल्स के एक जवान को बैट ने केल सेक्टर में पकड़ लिया था। कुछ दिन बाद उसका सिर कलम कर शव फेंक दिया था। वर्ष 2013 में दो जवान लांसनायक हेमराज और सुधाकर सिंह के शवों को भी पाक सैनिकों ने क्षत-विक्षत कर दिया था। वर्ष 1999 की करगिल जंग के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया को पाकिस्तान की सेना ने प्रताड़ित किया था और बाद में उनके शव के साथ भी बर्बरता की गई थी।