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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 23 अक्टूबर 2024 (21:26 IST)

सार्वजनिक बयान देकर नियमों का किया उल्लंघन, विपक्ष ने जगदंबिका पाल पर लगाया आरोप

सार्वजनिक बयान देकर नियमों का किया उल्लंघन, विपक्ष ने जगदंबिका पाल पर लगाया आरोप - Opposition accused Jagdambika Pal
Jagdambika Pal News : विपक्ष के नेताओं ने बुधवार को आरोप लगाया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक से संबंधित संयुक्त संसदीय समिति के प्रमुख जगदंबिका पाल ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा समिति की बैठक के दौरान कांच की बोतल तोड़कर फेंके जाने की घटना के बारे में सार्वजनिक बयान देकर प्रक्रियाओं एवं नियमों का उल्लंघन किया है, हालांकि पाल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।
 
दूसरी तरफ, भाजपा सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कल्याण बनर्जी को लोकसभा से निलंबित करने और प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की। समिति में शामिल निशिकांत दुबे और भाजपा के कुछ अन्य सदस्यों ने पत्र में यह भी लिखा है कि बिरला को बनर्जी के आचरण संबंधी मामले को आचार समिति को भेजने और उनकी सदस्यता रद्द करने पर विचार करना चाहिए।
पाल ने बुधवार को विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है और सिर्फ एक सदस्य द्वारा की गई हिंसा की घटना का उल्लेख किया। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद एवं संसदीय समिति के सदस्य ए. राजा ने दावा किया कि पाल ने प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लंघन किया है।
 
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद पाल जल्दबाजी में समिति की बैठकें कर रहे हैं जिससे यह संदेह जाता है कि यह समिति न्याय देने में सक्षम नहीं होगी। राजा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बैठक में जो कुछ हुआ, उसे उजागर करने के लिए अध्यक्ष ने यह जानते हुए भी कि कार्यवाही गोपनीय है और इसका खुलासा नहीं किया जाना चाहिए, संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया।
उन्होंने कहा, बैठक में घटी अप्रिय घटना के बावजूद अध्यक्ष द्वारा जिस तरीके से और जल्दबाजी में बैठक का संचालन किया गया, उससे सदस्यों एवं आम लोगों के मन में संदेह उत्पन्न होता है कि न्याय नहीं मिल पाएगा। आइए, हम बाधाओं के बावजूद अपने लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखने के लिए लड़ें।
 
आम आदमी पार्टी के सांसद एवं समिति के सदस्य संजय सिंह ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने बनर्जी से जुड़ी घटना के संबंध में कोई बयान नहीं देने का फैसला किया है। सिंह ने कहा, सबसे पहले, बैठक के दौरान क्या हुआ, इसके बारे में सार्वजनिक बयान देना नियमों के अनुरूप नहीं है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अध्यक्ष ने मीडिया को बयान दिया।
 
विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए पाल ने कहा, मैंने समिति की किसी कार्यवाही या विचार-विमर्श के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। मैंने केवल समिति की बैठक के दौरान एक सदस्य द्वारा की गई हिंसा की घटना और उसके बाद उनके निलंबन के बारे में बयान दिया है।
पाल ने कहा, मैंने हमेशा संसदीय प्रक्रिया के नियमों का पालन किया है और सदन की गरिमा को बरकरार रखा है। उनका कहना था कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने मंगलवार को समिति की बैठक के दौरान एक सदस्य द्वारा की गई हिंसा की घटना और उसके बाद की कार्रवाई पर एक बयान दिया।
 
वक्फ संबंधी संसदीय समिति की बैठक में मंगलवार को उस समय नाटकीय घटनाक्रम हुआ जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने पानी वाली कांच की बोतल तोड़कर समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की तरफ फेंक दी, जिसके बाद उन्हें एक दिन के लिए समिति की बैठक से निलंबित कर दिया गया।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस के दौरान बनर्जी गुस्से में आ गए और बोतल तोड़कर फेंक दी। इस दौरान उनकी अंगुलियों में चोट आई। पाल ने बनर्जी के आचरण की निंदा करते हुए कहा था कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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