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Last Updated : मंगलवार, 14 जून 2022 (17:26 IST)

1 जुलाई से Online Payment के तरीके में होने वाला है ये बड़ा बदलाव, जानिए क्या है Card Tokenization

1 जुलाई से Online Payment के तरीके में होना वाला है ये बड़ा बदलाव, जानिए क्या है Card Tokenization  online payment method is getting updated from 1 july what is card tokenization - online payment method is getting updated from 1 july what is card tokenization
नई दिल्ली। ऑनलाइन पेमेंट मेथड का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों के लिए ये जानकारी जरूरी हो सकती है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मर्चेंट वेबसाइट पर ऑनलाइन माध्यम से पेमेंट करने के लिए डेबिट-क्रेडिट कार्ड को टोकनाइज्ड करने का आदेश जारी किया है। इसलिए, अगर आप किसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से खरीदारी करते हैं तो जल्द से जल्द अपने कार्ड को टोकनाइज्ड करा लें। ये नियम 1 जुलाई 2022 से देशभर में लागू कर दिया जाएगा। आइए जानते है कि क्या है कार्ड टोकनाइजेशन और इसे क्यों लागू किया जा रहा है ....
 
क्या है टोकनाइजेशन और इसके क्या फायदे हैं ? 
आसान भाषा में टोकनाइजेशन का मतलब आपके क्रेडिट-डेबिट कार्ड की जानकारियों को टोकन (कोड) से बदलना है। आपने अक्सर देखा होगा कि आपके एक बार ऑनलाइन पेमेंट करने पर आपके कार्ड की जानकारी उस संबंधित शॉपिंग वेबसाइट पर फीड हो जाती है। अगली बार कुछ खरीदने पर आपको सिर्फ कार्ड का CVV नंबर और OTP डालना होता है। लेकिन, अब ये फीड की हुई जानकारी रखने की अनुमति इन वेबसाइट्स को नहीं मिलेगी। अब इन जगहों पर ऑनलाइन पेमेंट के लिए कार्ड डेटा के बजाय टोकन का उपयोग किया जाएगा। 
 
इससे ऑनलाइन फ्रॉड की संभावनाएं कम हो जाएंगी। क्योकि, आपके डेबिट-क्रेडिट कार्ड नंबर का इस्तेमाल करके आपके साथ धोखाधड़ी की जा सकती है। अब सभी व्यापारियों को ऑनलाइन पेमेंट के लिए खास तरह के कोड को अपने पास स्टोर करके रखना होगा। जो की वास्तविक कार्ड नंबर से एकदम अलग होगा। 
 
हर पेमेंट मोड के लिए होगा अलग टोकन नंबर 
कार्ड टोकनाइजेशन के लिए कोई सर्विस चार्ज नहीं लिया जाएगा। प्रत्येक पेमेंट मोड के लिए टोकनाइज्ड कोड अलग-अलग होंगे, ताकि एंड-टू-एंड सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कहा जा रहा है कि इसके लिए आपको कहीं जाकर आवेदन नहीं देना होगा। 31 जून के बाद जब आप कहीं ऑनलाइन पेमेंट करेंगे तो आपका टोकन नंबर अपने आप जेनेरेट कर दिया जाएगा। क्योकि, आरबीआई ने 1 जुलाई 2022 से पहले सभी व्यापारियों को अपने यूजर्स के क्रेडिट व डेबिट कार्ड का डेटा हटाने के निर्देश दिए हैं।