• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. oath taking ceremony of Anumula Revanth Reddy as telangana CM
Written By
Last Updated : गुरुवार, 7 दिसंबर 2023 (09:57 IST)

रेवंत रेड्डी की तेलंगाना CM के रूप में ताजपोशी आज, समारोह में कौन-कौन होगा शामिल

Anumula Revanth Reddy
Telangana CM oath taking ceremony :  रेवंत रेड्डी आज दोपहर 1:04 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वह निवर्तमान मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की जगह लेंगे। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन रेड्‍डी को पद और गोपनियता की शपथ दिलाएंगे। वे के चंद्र शेखर राव के बाद राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री होंगे।

हैदराबाद के विशाल एलबी स्टेडियम में होने वाले इस समारोह में करीब एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।
 
शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार समेत कई दिग्गजों के शामिल होने की संभावना है। रेवंत रेड्डी के निमंत्रण पर सीपीआई महासचिव डी. राजा भी समारोह में शामिल हो सकते हैं। विधानसभा चुनाव के लिए सीपीआई ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था।
 
गौरतलब है कि रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 64 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। वहीं BRS को इस चुनाव 39 सीटों से संतोष करना पड़ा।
 
कौन हैं रेवंत रेड्डी : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले रेड्डी पहले कुछ समय के लिए बीआरएस (तब तेलंगाना राष्ट्र समिति) में रह चुके हैं। वह 2006 में जिला परिषद चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते थे।
 
वह 2007 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अविभाजित आंध्र प्रदेश में विधान परिषद में निर्वाचित हुए। रेड्डी तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) में शामिल हो गए थे और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के करीबी थे। उन्होंने 2009 में तेदेपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था और 2014 में तेलंगाना के अलग राज्य बनने पर भी उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की थी।
 
वह 2018 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस उम्मीदवार से हार गए थे। उन्होंने तेदेपा छोड़कर 2017-18 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। रेड्डी 2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना की मल्काजगिरि संसदीय सीट से कांग्रेस सांसद के रूप में निर्वाचित हुए।
 
रेड्डी को 2021 में कांग्रेस में जूनियर नेता होने के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। इससे प्रदेश कांग्रेस इकाई में अनेक वरिष्ठ नेता असंतुष्ट दिखे। रेड्डी के सामने चुनौतीपूर्ण हालात के बीच कांग्रेस का भविष्य संवारने का कठिन कार्य था और वह पार्टी नेताओं को एकजुट करने में लग गए। रेड्डी कड़ी चुनौतियों के बावजूद कांग्रेस को सफलता दिलाने की मशक्कत करते रहे और इस साल मई में कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस को नई ऊर्जा मिली।