सरकार का दावा खोखला, जम्मू कश्मीर में कुछ भी ठीक नहीं-आजाद
नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता तथा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद के हालात पर गहरी निराशा जताते हुए स्थिति ठीक होने के सरकार के दावे को खोखला बताया और कहा कि वहां कुछ भी ठीक नहीं है।
आजाद ने जम्मू कश्मीर का पांच दिन का दौरा करने के बाद सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में कहा कि वहां की वास्तविक स्थिति को लेकर सरकार गलतबयानी कर रही है। अगर वहां सब कुछ ठीक है तो सरकार विपक्षी दलों के नेताओं की रिहाई क्यों नहीं कर रही है और विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से क्यों रोक रही है? खुद तीन बार उन्हें वहां जाने से रोका गया। मोबाइल तथा इंटरनेट सेवा शुरू क्यों नहीं की जा रही है? विश्वविद्यालयों को खोला क्यों नहीं जा रहा है?
उन्होंने कहा कि यदि सरकार का दावा सही है तो राज्य का नागरिक और पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते उनको तीन बार हवाई अड्डे से वापस क्यों भेजा गया? इस बार उच्चतम न्यायालय के आदेश पर वह पांच दिन तक जम्मू कश्मीर में रहे और उन्होंने 15 जगह जाने का कार्यक्रम बनाया था, लेकिन सिर्फ पांच जगह ही जाने की इजाजत दी गई। जहां भी ठहराया गया वहां सतर्कता विभाग के कैमरे उन पर नजर रखे थे कि कौन मिलने आ रहा है। इसकी पूरी रिकार्डिंग हो रही थी और संभव है कि उनसे मिलने आने वाले लोगों को जेल में ठूंस दिया गया होगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी गेस्ट हाउसों को जेल में तब्दील कर दिया गया है। कांग्रेस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी तथा नेशलन कांफ्रेंस के सभी बड़े नेताओं को हिरासत में रखा गया है या उनको नजरबंद किया गया है। राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है इसलिए स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को लोगों पर कार्रवाई करने के लिए कहा जा रहा है।
आजाद ने कहा कि इस बीच सरकार ने वहां पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी है। परिसीमन मनमाने ढंग से किया गया है और अपने चहेते नेताओं की जीत को सुनिश्चित किया गया है। विपक्ष के सभी नेता तो पहले से ही जेलों में हैं इसलिए प्रशासन की तरफ से मनमानी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि वहां सामान्य कारोबार बंद है। सिर्फ घाटी में ही नहीं बल्कि जम्मू में स्थिति बिगड़ी हुई है। वहां का कारोबारी परेशान है। जम्मू का कारोबार तब ही फलता-फूलता है, जब घाटी में खुशहाली होती है लेकिन पूरा कश्मीर बंद है इसलिए लोग जम्मू में भी परेशान हैं। हालात यह है कि प्रतिदिन जम्मू से श्रीनगर के लिए 100 से 110 तेल के टैंकर चलते थे, लेकिन अब दो ही टैंकर जा रहे हैं। गाड़ियों के दाम 9 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। यदि कोई कार या ट्रक खरीदता है तो केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद उसे 9 प्रतिशत अतिरिक्त कर देना पड़ेगा।
कांग्रेस नेता ने बताया कि इस यात्रा के दौरान वह श्रीनगर में रहे। उसके बाद अनंतनाग और बारामूला गए तथा फिर जम्मू में लोगों से मिले। लोगों को उनसे मिलने की आजादी नहीं थी। कुछ ही लोग जबरन उनके पास आकर अपनी बात कह पा रहे थे। वह चार दिन तक लोगों से मिले, लेकिन जितने लोग उनसे मिलने आना चाहते थे उनको मिलने ही नहीं दिया जा रहा था।
आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है। लोगों के पास खाने की व्यवस्था नहीं है इसलिए सरकार उनके लिए भोजन की व्यवस्था करे। संचार माध्यम बंद हैं उनका फिर से संचालन किया जाए।