सहकारी बैंकों को मिल सकती है पुराने नोट जमा करने की मंजूरी
नई दिल्ली। सरकार सहकारी बैंकों को भी 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट जमा करने की जल्दी ही मंजूरी दे सकती है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने यहां बताया कि लोगों की परेशानियों और मांग को देखते हुए सरकार देश के दूरदराज इलाकों में फैले सहकारी बैंकों को भी पुराने नोट लेने की की अनुमति दे सकती है।
सरकार ने 8 नवंबर की मध्यरात्रि के बाद से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट चलन से बाहर कर दिए थे। इसके बाद से बैंकों और एटीएम के सामने पुराने नोट बदलवाने और नए नोट निकालने की लंबी लंबी लाइनें लग रही हैं। सरकार ने पुराने नोट लेने और बदलने की अनुमति सहकारी बैंकों को नहीं दी है।
सूत्रों के अनुसार सहकारी बैंकों को पुराने नोट लेने और बदलने की अनुमति नहीं देने का कारण यह है कि ऐसे 95 प्रतिशत बैंकों में राजनेताओं का वर्चस्व है। सूत्रों ने बताया कि नाेटबंदी की स्थिति की सरकार प्रतिदिन समीक्षा करती हैं और इस संबंध में जरुरी निर्णय लेती है।
समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि पुराने नोट बदलने के लिए अंगुली पर स्याही लगाने का निर्णय गुप्तचर ब्यूरो की रिपोर्ट पर लिया गया था। देखा गया था कि कुछ लोग गरीब लोगों को पैसे देकर अपने नोट बदलवा रहे हैं। (वार्ता)