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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 28 नवंबर 2016 (19:22 IST)

नोटबंदी पर विपक्ष का मतभेद खुलकर सामने आया

नोटबंदी पर विपक्ष का मतभेद खुलकर सामने आया - Noteban, demonetization
नई दिल्ली। सरकार ने नोटबंदी के विरोध में भारत बंद और आक्रोश दिवस के आयोजन पर विपक्ष की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इससे विपक्ष में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। 
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्रसिंह ने सोमवार को कहा कि राजग सरकार को घेरने की संयुक्त रणनीति पर विपक्षी दलों में मतभेद सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि यह विरोध लोगों के लिए नहीं था बल्कि ऐसा लगता है कि यह देश के 125 करोड़ लोगों के खिलाफ था। यह देश की सामान्य भावना के खिलाफ था, जिसने काले धन के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्रवाई का समर्थन किया है।
 
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने भी उनके स्वर में स्वर मिलाते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों को संसद के दोनों सदनों में सभी मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। हम दोनों सदनों में चर्चा के लिए तैयार हैं। वे इससे भाग क्यों रहे हैं। उन्होंने कहा कि काले धन के खिलाफ आक्रोश होना चाहिए, लेकिन खेद की बात है कि विपक्षी दल दूसरे ढंग से सोच रहे हैं।
  
वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि विपक्षी दल बंटे हुए हैं। पहले उन्हें आपस में एकता कायम करनी चाहिए। लोग सरकार के कदम का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन विपक्षी दल इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं। कुछ ही विपक्षी दलों ने नोटबंदी पर विरोध प्रदर्शन करने या आक्रोश दिवस के नाम पर भारत बंद का आह्वान किया है।
 
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने (कांग्रेस पार्टी) किसी आह्वान या भारत बंद का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा काला धन उसी के पास है, इसलिए उसे अन्य दलों की आलोचना करने से पहले आत्मावलोकन करना चाहिए।
 
कुछ विपक्षी दल भी यहां एकत्र हुए और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संसद के बाहर की गई टिप्पणी पर उनसे माफी मांगने के लिए दबाव डालने का फैसला किया। मोदी ने कहा था कि विपक्षी दल नोटबंदी का विरोध करके काले धन का समर्थन कर रहे हैं। माकपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समेत वाम दलों ने नोटबंदी के खिलाफ 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि वह बंद के समर्थन में नहीं है। बसपा की प्रमुख मायावती ने भी कहा कि उनकी पार्टी भारत बंद में शरीक नहीं है पर वह काले धन के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी की योजना को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया, जिसके कारण लोगों को असुविधा हुई। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नोटबंदी के कदम का समर्थन किया है।
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