भाषा विवाद के बीच PM मोदी का बड़ा बयान, DMK को लेकर कही बड़ी बात, स्टालिन पर कसा तंज
प्रधानमंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि उन्हें तमिलनाडु के नेताओं से पत्र मिलते हैं और ‘‘वे तमिल में हस्ताक्षर नहीं करते। कम से कम अपना हस्ताक्षर तो तमिल में करें।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिल भाषा की रविवार को जोरदार वकालत करते हुए कहा कि इस भाषा को दुनिया भर में ले जाने के लिए सभी प्रयास जारी हैं। उन्होंने तमिलनाडु सरकार से गरीबों को लाभ पहुंचाने के लिए तमिल माध्यम में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने को कहा।
मोदी ने कहा कि तमिल भाषा और विरासत को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने के प्रयास जारी हैं। प्रधानमंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि उन्हें तमिलनाडु के नेताओं से पत्र मिलते हैं और वे तमिल में हस्ताक्षर नहीं करते। कम से कम अपना हस्ताक्षर तो तमिल में करें।
रामनवमी के अवसर पर 8,300 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं की आधारशिला रखने और राष्ट्र को समर्पित करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि भगवान राम का सुशासन राष्ट्र निर्माण की नींव है। संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की डीएमके सरकार और सीएम एमके स्टालिन पर तंज कसा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को केवल रोने की आदत होती है। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु की रेल परियोजनाओं के लिए आवंटित धन लगभग सात गुना बढ़ गया है।
यहां नए पंबन पुल का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्री पुल है। उन्होंने राज्य में तमिल माध्यम में चिकित्सा की पढ़ाई की वकालत की ताकि गरीब परिवारों के छात्रों को लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री ने कई पहल के संबंध में राज्य के लाभार्थियों का जिक्र करते हुए कहा कि तमिलनाडु को आवंटन में वृद्धि के बावजूद, कुछ लोग धन के लिए शोर मचाते हैं। भाषा Edited by: Sudhir Sharma