ओडिशा में BJD से गठबंधन नहीं, अकेले ही चुनाव लड़ेगी भाजपा
No BJP-BJD alliance in Odisha: ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) के बीच गठबंधन की संभावनाएं शुक्रवार को उस समय लगभग समाप्त हो गईं, जब केंद्र की सत्ताधारी पार्टी ने आगामी लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनावों में सभी सीट पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की। ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी होंगे।
पिछले कुछ दिनों में दोनों दलों में गठबंधन को लेकर विभिन्न स्तरों पर बातचीत हो रही थी। भाजपा की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 4.5 करोड़ ओडिशावासियों की आशा, अभिलाषा और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में विकसित भारत तथा विकसित ओडिशा बनाने के लिए भाजपा इस बार लोकसभा की सभी 21 और विधानसभा की सभी 147 सीट पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि देश भर में जहां भी डबल इंजन की सरकार रही है, वहां विकास व गरीब कल्याण के कार्यों में तेजी आई है और राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन आज ओडिशा में मोदी सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाएं जमीन पर नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे ओडिशा के गरीब बहनों-भाइयों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बीजद का आभार : उन्होंने कहा कि ओडिशा-अस्मिता, ओडिशा गौरव और ओडिशा के लोगों के हित से जुड़े अनेक विषयों पर हमारी चिंताएं हैं। सामल ने बीजद की ओर से केंद्र सरकार के अनेक राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर समर्थन देने के लिए प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी के प्रति आभार व्यक्त किया।
बीजद के साथ भाजपा के गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा इस पर अंतिम निर्णय लेंगे। शाह ने एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि हमने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। हमारी पार्टी के अध्यक्ष फैसला करेंगे। लेकिन यह निश्चित है कि हम ओडिशा में भारी जीत हासिल करेंगे।
लोकसभा, विधानसभा चुनाव साथ-साथ : उन्होंने कहा कि अगर हम अकेले लड़ने का फैसला करते हैं तो हम ओडिशा में सरकार बनाने के लिए लड़ेंगे। राज्य की 21 लोकसभा सीट और 147 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक साथ चुनाव से पहले राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी और मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के बीच गठबंधन को लेकर कई हफ्तों से अटकलें लगाई जा रही थीं।
इन अटकलों को उस समय और बल मिला था, जब ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी माने जाने वाले वीके पांडियन ने कहा था कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा और बीजद को एक-दूसरे की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ चीजें राजनीति से परे होती हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बड़े मकसद के लिए एक साथ आना चाहते हैं।
भाजपा और बीजद 1998 से 2009 तक गठबंधन में रहे। पिछले एक दशक से अधिक समय में भाजपा ने राज्य में कांग्रेस को पूरी तरह खत्म कर दिया और मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है।
महताब का पार्टी से इस्तीफा : बीजद के सांसद और इसके संस्थापक सदस्यों में से एक भर्तृहरि महताब ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कटक लोकसभा क्षेत्र से छह बार सांसद रहे महताब ने कहा कि मैंने आज शाम चार बजे बीजद अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को अपना इस्तीफा भेज दिया है। महताब ने कहा कि उन्हें बीजद में स्वतंत्र रूप से काम करने का पर्याप्त मौका नहीं मिला। (भाषा/वेबदुनिया)