एनआईए ने 3 आईएसआई संदिग्ध को 11 दिनों के रिमांड पर लिया
पटना स्थित एनआईए की एक अदालत ने रेल हादसों को अंजाम देने वाले तीन आईएसआई संदिग्ध को पूछताछ के लिए 11 दिनों की रिमांड पर एनआईए को दिया है।
प्रतिकात्मक फोटो
नोज कुमार सिन्हा की विशेष अदालत ने एनआईए के आग्रह को रेल हादसों के आरोप में गिरफ्तार उमाशंकर पटेल, मोतीलाल पासवान और उमेश यादव को एनआईए को 11 दिनों के रिमांड पर भेज दिया। कल इन्हें कड़ी सुरक्षा में बेतिया जेल से पटना लाये जाने पर एनआइए की इसी विशेष अदालत ने तीनों को आगामी 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया था जिसके बाद उन्हें पटना स्थित बेउर जेल भेज दिया गया था।
गत वर्ष एक अक्तूबर को भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पूर्वी चंपारण जिला के घोडासहन रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक आईईडी बम लगाया गया था। हालांकि लोगों व पुलिस की सक्रियता से उसे निष्क्रीय कर दिया गया था। इस मामले में रक्सौल रेल थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। मामले की जांच के दौरान ही आदापुर थाने में दर्ज दोहरे हत्याकांड में गत 17 जनवरी को गिरफ्तार इन तीनों अपराधियों ने उक्त ट्रैक को उडाने की बात स्वीकारी थी।
पूर्वी चंपारण के पुलिस अधीक्षक ने इन तीनों पेशेवर अपराधियों ने पूछताछ के दौरान गत 20 नवंबर महीने में कानपूर में हुए इंदौर-पटना रेल हादसा को लेकर कुछ सकारात्मक सुराग प्राप्त होने की बात कही थी जिसके बाद व्यापक स्तर पर जांच के लिए एनआईए, रॉ, रेल पुलिस तथा उत्तर और बिहार एटीएस की टीम गत 18 जनवरी को इन अपराधियों से पूछताछ करने वहां पहुंची थी।
राणा ने बताया था कि तीनों गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ के क्रम में स्वीकारा है कि पूर्वी चंपारण जिला के घोडासाहन में एक रेल पटरी को उडाने के लिए बम लगाने के वास्ते आईएसआई से जुडे ब्रजेश गिरी नामक एक नेपाली नागरिक ने उन्हें तीन लाख रूपये दिए थे। (भाषा)