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Last Modified: शुक्रवार, 18 नवंबर 2016 (12:41 IST)

पुराने नोट बदलने में लगेंगे महीनों, #नोटबंदी के बाद इस तरह आएंगे नए नोट

पुराने नोट बदलने में लगेंगे महीनों, #नोटबंदी के बाद इस तरह आएंगे नए नोट - New currency will take  months to come
नोटबंदी को एक हफ्ते से अधिक समय हो चुका है परंतु बैंक और एटीएम के बाहर कतारें जस की तस लगी हुई हैं।वहीं दूसरी ओर अफसरों ने किया है एक खुलासा। नए नोट तेजी से प्रिंट किए जा रहे हैं और उतनी ही तेजी से बैंकों और एटीएम तक पहुंचाए जा रहे हैं परंतु क्या यह काम 50 दिन में पूरा हो जाएगा? तो जवाब है शायद नहीं।
 
नोट बदलने की समयसीमा 30 दिसंबर तक की गई है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या निर्धारित समय तक बैंकों में नए नोट आ पाएंगे? अगर हम नोट के झपने और एटीएम तक आने की यात्रा पर गौर करें तो यह कहा जा सकता है कि नए नोट आने में लग सकता है महीनों तक का समय।
 
नए नोट की प्रिंटिंग में लगेंगे और 6 महीने जानें क्या कहता है गणित :  नए नोट चार मिंट्स (नोट छापने की जगह) पर छापे जा रहे हैं। एक साथ इन जगहों से करीब तीन बिलियन नोट हर महीने छापे जा सकते हैं। इन मिंट्स को करीब 14 ट्रिलियन नोट (जो 500 और 1000 के नोट के रूप में बाजार से हटा लिए गए हैं) की पूर्ति करना है। अगर 14 ट्रिलियन का आधा 500 रुपए के नोट के रूप में और बाकी आधा 1000 रुपए के नोट के रूप में छापा जाए तो जरूरत के मुताबिक नोट 17.5 बिलियन के आसपास होंगे, ताकि हटाए गए नोटों की कीमत तक पहुंचा जा सके। 
 
इस तरह 17.5 बिलियन नोट को तीन बिलियन नोट एक महीने की दर से छापने में करीब छह महीने लगेंगे, परंतु नोट प्रिंटिंग पर ही काम खत्म नहीं होता। नोट छपने के बाद, उन्हें बैंकों और एटीएम तक भी पहुंचाना है। 
 
आए समझते हैं प्रिंटिंग प्रेस से एटीएम तक 2000 रुपए नोट की यात्रा 
 
प्रिंटिंग प्रेस 
 
2000 रुपए के नोट मैसूर (कर्नाटक) और सल्बोनी (पश्चिम बंगाल) में छप रहे हैं। देवास (मध्यप्रदेश) और नासिक (महाराष्ट्र) की प्रिंटिंग प्रेस में 500 रुपए के नोट छप रहे हैं। 
 
आरबीआई के इश्यू ऑफिस 
 
प्रिंट होने के बाद नोट आरबीआई के 19 इश्यू ऑफिस भेजे जाते हैं, जहां से उन्हें आगे के लिए भेजा जाता है। इस प्रक्रिया में भी कुछ समय लगता है। 
 
नोट बक्सों में भरना 
 
नोट अगले कदम के तौर पर हाई सिक्योरिटी से भरपूर वैन में 4000 से अधिक नोट के बक्सों में भरकर देशभर में भेजे जाते हैं। 
 
बैंकों की ब्रांच तक पहुंचना 
 
अब नोटों को देशभर में फैले विभिन्न बैंकों तक भेजा जाता है। यह कोई मामूली काम नहीं। इसमें पूरी सतर्कता और समय लगता है। 
 
एटीएम तक पहुंचना
 
नोट अगले कदम में एटीएम पर भेज दिए जाते हैं। यह काम बैंकों का है। वर्तमान हालात में बैंक प्रतिदिन कई घंटों काम कर रहे हैं। 
 
गौरतलब है कि देश के एटीएम 2000 रुपए के नोट के सही फंक्शन के लिए उपयुक्त नहीं हैं। हजारों इंजीनियर इन्हें सही करने में लगे हुए हैं जिसमें भी कुछ समय लग सकता है। 
 
आप इस समझ सकते हैं कि नोट के छपने से लेकर उसके एटीएम मशीन तक आने तक कितनी लंबी प्रक्रिया है। सरकार अगर कह रही है कि नए नोट छाप जा रहे हैं तो इसका यह अर्थ नहीं है कि सिर्फ नोट छपने तक का समय ही लगेगा। नोट को आम आदमी के हाथों में आने में एक लंबी प्रक्रिया से गुज़रना है और इसमें महीनों लग सकते हैं।    
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