नेपाल को सहायता बढ़ी, रिश्ते बिगड़े...
नई दिल्ली। नेपाल के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भारत की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और यह आंकड़ा 400 करोड़ रुपए को पार कर गया है। लेकिन हकीकत यह भी है कि दोनों देशों के बीच आपसी रिश्तों में खटास आई है।
पड़ोसी देश नेपाल में पिछले साल आए जबरदस्त भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों की मदद के लिए भारत की ओर से तत्काल मदद उपलब्ध कराई गई थी। भूकंप के दौरान नेपाली नागरिकों को सहायता पहुंचाने के लिए सबसे पहले भारत ने ही 'मैत्री अभियान' की शुरुआत की थी। इस दौरान कुल 400 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई।
इन सबके बीच नेपाल द्वारा राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी की भारत यात्रा अचानक रद्द और नई दिल्ली स्थित अपने राजदूत को वापस बुलाने की घोषणा कर भारत को स्तब्ध कर दिया गया। इस घटना के बाद राजनयिक हलकों में की इस पर गंभीरता से चर्चा की गई। इस बीच सहायता राशि में कटौती की नेपाल में रिपोर्टें आने के बाद भारत ने तथ्यों एवं आंकड़ों के जरिए अपना पक्ष रखा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से नेपाल को सहायता के तौर पर सालाना 300 से 400 करोड़ रुपए जारी किए जाते हैं। इसके साथ ही भारत कई परियोजनाओं में नेपाल की सीधी तौर पर मदद कर रहा है।
स्वरूप ने कहा कि भारत, नेपाल के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है और नेपाल को दी जाने वाली सहायता में कटौती करने का प्रश्न ही नहीं उठता। (वार्ता)