जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड मामला
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में पटियाला कोर्ट से 19 दिसंबर तक की छूट मिल गई। उन्हें 19 दिसंबर को अगली सुनवाई में पेश होना पड़ेगा। आइए जानते हैं क्या है नेशनल हेराल्ड मामला। भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में दाखिल अर्जी में आरोप लगाया था कि सोनिया और राहुल ने कांग्रेस पार्टी से लोन देने के नाम पर नेशनल हेराल्ड की 5000 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली।
पहले नेशनल हेराल्ड की कंपनी एसोसिएट जनरल लिमिटेड AJL को कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को 90 करोड़ का लोन दे दिया। इसके बाद 5 लाख रुपए से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के पास है।
इसके बाद के 10-10 रुपए के नौ करोड़ शेयर यंग इंडियन को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को AJL के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को मुफ्त में स्वामित्व मिल गया।
याचिकाकर्ता स्वामी ने इस 90 करोड़ रुपए के प्रकरण में हवाला कारोबार का शक जताया है। स्वामी का यह भी आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेरल्ड हाउस की 1,600 करोड रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। सनद रहे कि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने की थी, जिसका अधिग्रहण यंग इंडिया कंपनी ने किया था। यंग इंडिया कंपनी में सोनिया और राहुल की हिस्सेदारी है।