महाराष्ट्र विधानमंडल समिति को रिश्वत देने का प्रयास, धुले में सियासी घमासान
संजय राउत का दावा, धुले शहर में सरकारी अतिथि गृह के एक कमरे में 5 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी मिली
Sanjay Raut news in hindi : शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धुले जिले के दौरे के दौरान राज्य विधानमंडल की प्राक्कलन समिति को रिश्वत देने की कोशिश को नाकाम कर दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, समिति के अध्यक्ष अर्जुन खोतकर ने इस घटना को अपने निजी सहायक (पीए) से जोड़ने के आरोपों को खारिज कर दिया।
राउत ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि धुले शहर में सरकारी अतिथि गृह के एक कमरे में 5 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी मिली। राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि जब विधानमंडल की प्राक्कलन समिति ने आज (बुधवार को) धुले जिले का दौरा किया तब समिति को रिश्वत देने के लिए धुले के सरकारी विश्राम गृह गुलमोहर के कमरा नंबर 102 में लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपए रखे गए थे।
राउत ने कहा कि शिवसेना के पूर्व विधायक अनिल अन्ना गोटे और स्थानीय शिवसेना (उबाठा) नेताओं ने कमरे को बंद कर दिया और बाहर पहरा देने लगे। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सूचित करने के बावजूद 4 से 5 घंटे बीत गए और कोई नहीं आया। प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला। रिश्वत का उद्देश्य विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और इसमें अधिकारियों की संलिप्तता की बात को दबाना था। प्राक्कलन समिति को राज्य बजट में किसी विशेष क्षेत्र को आवंटित धन के उपयोग की जांच करने का अधिकार है।
अनिल गोटे ने संवाददाताओं से कहा कि धुले अतिथि गृह में कमरा 102 खोतकर के पीए किशोर पाटिल के नाम पर बुक किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के सदस्यों को वितरित करने के लिए कमरे में रुपया रखा गया था।
खोतकर ने संवाददाताओं से कहा कि धुले अतिथि गृह में मिले पैसे का समिति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने गोटे के आरोपों को खारिज कर दिया कि कमरा उनके पीए के नाम पर बुक किया गया था। मैंने अपने पीए से बात की। पीए ने बताया कि उन्होंने वह विशेष कमरा बुक नहीं किया था। उन्होंने उसके बगल वाला कमरा बुक किया था। राउत ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि जिस व्यक्ति के नाम पर कमरा (102) बुक किया गया था, उसकी जांच होनी चाहिए।
edited by : Nrapendra Gupta