लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां आयोजित परिवर्तन महारैली के दौरान मैदान में आई जनता को देखकर अति प्रसन्न हुए और कहा कि उन्होंने कभी इतनी बड़ी रैली को संबोधित नहीं किया। मैदान में 'भारत माता की जय' और 'मोदी..मोदी' का रह-रहकर जयघोष हो रहा था। लोक कलाकारों ने भारतीय संस्कृति के तमाम रंग मैदान पर बिखेरे।
रमाबाई अंबेडकर रैली स्थल पर खुद प्रधानमंत्री मोदी भी इतनी भीड़ देखकर बोल उठे, पूरे जीवनकाल में इतनी बड़ी रैली को संबोधित करने का सौभाग्य नहीं मिला..आपने (जनता) कमाल कर दिया आज।
उन्होंने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल (बिहारी बाजपेयी) जी अगर टीवी पर देख रहे होंगे तो उन्हें संतोष होगा। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जयपुर में (इस समय राजस्थान के राज्यपाल) टीवी पर इस भीड़ को देख रहे होंगे तो आशीर्वाद दे रहे होंगे।
मोदी ने कहा, राजनीतिक पंडित जो चुनाव का हिसाब-किताब लगा रहे हैं। ये रैली देखने के बाद किसी को मेहनत नहीं करनी पड़ेगी कि चुनाव में क्या होने वाला है? हवा का रुख साफ नजर आ रहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का दावा है कि रैली में पांच लाख से अधिक की भीड़ थी।
रंगबिरंगे परिधान वाले भी दिखे। एक कार्यकर्ता हनुमान बना था और बाकायदा गदा लेकर रैली स्थल पर टहल रहा था। कैमरामैन उसे कैद करने में व्यस्त दिखे। कई कार्यकर्ता शंख लेकर आए थे और बीच में 'जय श्रीराम' के नारे लग रहे थे।
मोदी ने दो बजकर पांच मिनट के लगभग मैदान में प्रवेश किया। उनके आते ही भीड़ खड़ी हो गई और अभिवादन किया। प्रधानमंत्री पूरी सादगी से मंच पर आगे की ओर आए और कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कलराज मिश्र एवं उमा भारती सहित कई केन्द्रीय मंत्री पहले ही मंच पर आ चुके थे।
सुरक्षा के लिहाज लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात थे। त्वरित कार्रवाई बल, कमांडो दस्ता, बम निरोधक दस्ता सहित सुरक्षाबलों की अन्य कई इकाइयों को तैनात किया गया था। हर आने-जाने वाले पर पूरी नजर रखी जा रही थी।
रैली स्थल पर महिलाओं के बैठने का अलग प्रबंध किया गया था और मंच से उद्घोषक बार-बार सुरक्षाबलों को हिदायत देता दिखा कि महिलाओं को सुविधापूर्वक उनके नियत स्थान तक जाने दिया जाए।
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में या उत्तर प्रदेश के इतिहास में इतनी बड़ी महारैली नहीं देखी। ये तो जन समुद्र है। महासागर है। रैली में उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लोक कलाकार भी पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्र लेकर आए थे। अलग-अलग कोनों पर अलग-अलग संगीत, अलग तरह के नृत्य और अलग तरह का उत्साह।
रैली खत्म होते ही भीड़ उस मंच की ओर लपकी, जहां कुछ देर पहले उनके लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री मोदी संबोधन कर रहे थे। हजारों की संख्या में भीड़ भारी-भरकम पक्के मंच पर जम गई और ‘सेल्फी’ का दौर शुरू हो गया।
मैदान के बाहर सड़कों का बुरा हाल था। हजारों का जनसमूह सड़कों पर चल रहा था। सबको अपने वाहनों की तलाश थी और गंतव्य की ओर जाना था। इसकी वजह से मैदान के चारों ओर की सड़कों पर घंटों जाम लगा रहा और पुलिसकर्मियों को यातायात बहाल करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। (भाषा)