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Last Modified: शनिवार, 4 अगस्त 2018 (12:32 IST)

स्वाति मालीवाल ने कहा- नीतीश जी, बच्चियों की चीखें मुझे सोने नहीं देतीं...

स्वाति मालीवाल ने कहा- नीतीश जी, बच्चियों की चीखें मुझे सोने नहीं देतीं... - Muzaffarpur Girls Home sex abuse case
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चियों के एक आश्रय स्थल में बलात्कार की घटनाओं की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। सुश्री मालीवाल का पत्र इस प्रकार है, नीतीश कुमार जी, आज फिर मैं रात में ठीक तरह से सो नहीं पाई। मुजफ्फरपुर के बालिका गृह की बेटियों की चीखें मुझे पिछले कई दिनों से सोने नहीं देतीं।


उन्होंने पत्र में लिखा है, उनके दर्द के सामने पूरे देश का सिर शर्म से झुक गया है। मैं चाह कर भी उस दर्द को अपने आप से अलग नहीं कर पा रही हूं और इसलिए आपको यह पत्र लिख रही हूं। मैं जानती हूं कि बिहार मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं आता, पर देश की एक महिला होने के नाते मैं ये पत्र लिख रही हूं। आशा है, आप मेरा यह पत्र ज़रूर पढ़ेंगे।

मुज़फ़्फ़रपुर की कहानी शायद इस दुनिया की सबसे भयावह कहानियों में से एक है। यहां कम से कम 34 लड़कियों के साथ बार-बार रेप किया गया और कुछ का मर्डर कर के बालिका गृह में ही दफना दिया गया। लड़कियां सिर्फ सात से 14 साल की थीं और अधिकतर अनाथ थीं। उन्होंने पत्र में लिखा हैं, किस तरह 'स्वयंसेवी संगठन का मालिक ब्रजेश ठाकुर नाम का हैवान एवं कई अफसर और नेता रोज़ रात में उनके साथ दुष्कर्म करते थे।

ब्रजेश ठाकुर को वो 'हंटरवाला अंकल' कहती थीं, जो हर रात लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाता था। छोटी सी 10 साल की मासूम ने बताया है कि कैसे उसे ड्रग्स देकर रोज़ रात ब्रजेश ठाकुर उसके साथ रेप करता था। लड़कियां रात होते ही कांपने लग जाती थीं, क्योंकि उन्हें पता था कि उनके साथ रात में अत्याचार होगा। इस बालिका गृह की ये भयावह स्थिति अप्रैल 2018 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्ट्डीज की एक रिपोर्ट में उजागर हुई।

मुझे बहुत दुख है कि आपकी सरकार ने तीन महीने तक इस रिपोर्ट पर कोई एक्शन नहीं लिया, बल्कि ब्रजेश ठाकुर नाम के संगठन को और प्रोजेक्ट दे दिए। जब मीडिया द्वारा ये पूरी घटना सामने आई, तब भी आप कोई कड़ा निर्णय लेते हुए नज़र नहीं आए आपने मामला केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंप कर अपना पिंड छुड़ाया। आपकी सरकार के एक भी मंत्री या संतरी पर अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है।

पत्र में उन्होंने लिखा है, सर, आपकी कोई बेटी नहीं है, पर मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि अगर उन 34 लड़कियों में से एक भी आपकी बेटी होती, तो भी आप किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेते? आपके इस एक कर्म से आपने इस देश की करोड़ों महिलाओं और बच्चियों में अपनी इज़्ज़त खोई है। मैं बार-बार यह सोचकर परेशान हो रही हूं कि उन लड़कियों का अब क्या हाल है। जिस सरकार द्वारा उन्हें न्याय नहीं मिला, क्या वह सरकार उनका अब ख्याल रखने में सक्षम है?

क्या वो लड़कियां अभी भी किसी बालिका गृह में घुट रही हैं या कम से कम अब उनके बेहतर भविष्य के लिए कोई कार्य हो रहा है? क्या उनको एक अच्छे स्कूल भेजा जाना शुरू हो गया है? क्या उनके खाने-पीने, खेलने-कूदने के बेहतर प्रबंधन हुए हैं? क्या उन्हें मनोचिकित्सक की मदद दी जा रही है? क्या उनका स्वास्थ्य अब बेहतर है? क्या उनके आसपास का वातावरण अब सुरक्षित और खुशहाल है?

क्या उनको अपने बयान बदलने के लिए कोई दबाव तो नहीं बना रहा? ये सवाल मेरे ज़ेहन में बार बार घूम रहे हैं। मैं आपसे गुज़ारिश करना चाहूंगी कि आप यह बताएं कि बिहार सरकार इन लड़कियों के हित में क्या कदम उठा रही है? मैं आपके जवाब का इंतजार करूंगी।
(वार्ता)
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