मंगलवार, 24 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Mulayam Singh Yadav, Shivpal Singh Yadav
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 22 सितम्बर 2017 (23:05 IST)

मुलायम 'सेक्यूलर मोर्चा' बनाने की राह पर?

मुलायम 'सेक्यूलर मोर्चा' बनाने की राह पर? - Mulayam Singh Yadav, Shivpal Singh Yadav
लखनऊ। समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव अपने पुराने संगठन लोकदल के बैनर तले एक 'सेक्यूलर मोर्चा' बना सकते हैं। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने यह दावा किया है। 
 
सपा के शनिवार को होने वाले प्रांतीय अधिवेशन से पहले पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुखालिफ शिवपाल धड़े की सक्रियता बढ़ गई है और गुरुवार को ही मुलायम की अध्यक्षता वाले लोहिया ट्रस्ट के सचिव पद से अखिलेश के प्रमुख सलाहकार रामगोपाल यादव को हटा दिया गया। साथ ही मुलायम के आगामी 25 सितंबर को प्रेस कांफ्रेंस करने के शिवपाल के ऐलान के बाद ऐसी अटकलें जोरों पर हैं कि अब मुलायम और शिवपाल सपा छोड़कर अलग रास्ता अपनाएंगे। 
 
शिवपाल काफी पहले से ही मुलायम की अगुवाई में 'समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा' के गठन की बात कह रहे हैं लेकिन यह अभी तक वजूद में नहीं आया है। इस बीच, लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने बातचीत में दावा किया कि मुलायम और शिवपाल उनके साथ होंगे और मिलकर एक सेक्यूलर मोर्चा बनाएंगे। सोमवार को होने वाली मुलायम की प्रेस कांफ्रेंस में वे भी उनके साथ मौजूद रहेंगे। मालूम हो कि मुलायम कभी लोकदल के भी संस्थापक सदस्य थे। 
 
सिंह ने कहा कि उन्होंने शिवपाल से बात की है और शुरुआत में यह प्रयास होगा कि सेक्यूलर मोर्चे का गठन लोकदल के बैनर तले हो। सिंह का यह दावा शिवपाल के उस बयान की रोशनी में अहमियत रखता है, जिसमें उन्होंने गत जून में 'सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने के लिए' समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा गठित करने का इरादा जताया था। 
 
शिवपाल के एक करीबी नेता ने बताया कि चूंकि सपा अध्यक्ष अखिलेश और शिवपाल खेमों के बीच सुलह-समझौते की गुंजाइश अब बाकी नहीं दिख रही है, लिहाजा शिवपाल को अपने भविष्य के बारे में फैसला करना ही होगा और सेक्यूलर मोर्चा अब बनकर रहेगा। 
 
मुलायम और शिवपाल के लोकदल के बैनर तले काम करने के सुनील सिंह के दावे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नेताजी (मुलायम) समाजवादी शब्द को तो नहीं छोड़ना चाहेंगे। सोमवार को सारी स्थिति साफ हो जाएगी, जब नेताजी अपने भविष्य की रणनीति का खुलासा करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी संभावना जताई कि अगर मुलायम ऐन वक्त पर अपनी प्रेस कांफ्रेंस का कार्यक्रम निरस्त कर दें, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। 
 
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक लोकदल एक पंजीकृत और गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है। इसकी स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह ने वर्ष 1980 में की थी और मुलायम उसके संस्थापक सदस्य थे। 
 
प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त जब सपा में अंतरकलह चरम पर थी और मुलायम ने खुद को पार्टी के मामलों से लगभग अलग कर लिया था, उस वक्त भी उनके अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी। उस समय भी लोकदल अध्यक्ष सुनील सिंह ने उनसे अपनी पार्टी के निशान पर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। 
 
सिंह के मुताबिक बड़ी संख्या में शिवपाल के समर्थकों ने लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था और पार्टी ने अपनी चुनाव प्रचार सामग्री में मुलायम की तस्वीर का इस्तेमाल किया था। सपा का प्रांतीय अधिवेशन 23 सितंबर को जबकि राष्ट्रीय अधिवेशन आगामी 5 अक्टूबर को होगा। इन दोनों ही कार्यक्रमों में शिवपाल और मुलायम को आमंत्रित नहीं किया गया है। (भाषा)