गृह राज्य मंत्री का चीन पर हमला, ITBP ने तोड़ा शक्तिशाली होने का भ्रम
ग्रेटर नोएडा। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने बीते कुछ महीनों के दौरान कुछ देशों का यह भ्रम तोड़ दिया कि उनके पास शक्तिशाली सेना है।
रेड्डी आईटीबीपी के 59वें स्थापना दिवस के मौके पर उन्होंने कहा कि भारत 'वसुधैव कुटुम्बकम्' (धरती ही परिवार है) के दर्शन पर विश्वास रखता है और देश की संस्कृति हमें 'शास्त्र और अस्त्र' दोनों की पूजा करना सिखाती है।
रेड्डी ने कहा, 'यह हमें सिखाती है कि शत्रु कभी भी और कहीं भी अपना सिर उठा सकता है। इसलिए हमें किसी भी अंदेशे का सामना के लिए तैयार रहना चाहिए। आईटीबीपी देश की उस तैयारी का एक अहम स्तंभ है।'
उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सेनाओं को यह भ्रम था कि वे विश्व की शक्तिशाली सेनाओं में शामिल हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों के घटनाक्रम के दौरान आईटीबीपी ने यह भ्रम तोड़ दिया है।
मंत्री ने कहा कि देश और इसके नागरिकों को आईटीबीपी की वीरता और समर्पण पर गर्व है। आईटीबीपी भारत-चीन के बीच की 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की रखवाली करने वाला विशिष्ट बल है।
गौरतलब है कि आईटीबीपी ने कुछ समय पहले कहा था कि 15-16 जून को भारत और चीन के बीच हिंसक संघर्ष के दौरान उसने पूरी रात लड़ाई लड़ी थी और चीन के पीएलए के सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
रेड्डी ने कहा कि बल सिर्फ सरहदों और देश की आंतरिक सुरक्षा की रखवाली नहीं कर रहा है, बल्कि देश के आर्थिक हितों की भी रक्षा कर रहा है।
उन्होंने कहा, 'हमारा देश शत्रूतापूर्ण पड़ोसियों से घिरा हुआ है और हमारे दुश्मन बार-बार हमारा आर्थिक विकास रोकने के लिए अड़ंगे लगाते हैं। जब आप दुश्मनों की इस योजना को पराजित करते हैं तो आप देश का आर्थिक विकास सुनिश्चित करते हैं।'
उल्लेखनीय है कि आईटीबीपी का गठन 1962 में चीनी हमले के बाद किया गया था। बल की क्षमता 90,000 कर्मियों की है जिसमें 60 बटालियन हैं। (भाषा)