मोहन भागवत ने कहा- अलगाववाद की वकालत करने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि समाज देश की संप्रभुता, एकता एवं अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगा ओर उन्होंने अलगाववाद की वकालत करने वालों और पाकिस्तान की शह पर काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
भागवत ने यहां संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'समाज देश की संप्रभुता, एकता एवं अखंडता से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं करेगा। अलगाववाद का समर्थन करने वालों और सीमापार के आकाओं की शह पर काम करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करना समय की मांग है।' उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोगों ने देश की अखंडता की रक्षा के लिए भारी कठिनाइयां उठायी हैं।
उन्होंने कहा, 'आपने देश के वास्ते कठिनाइयां झेली हैं, ऐसे में स्थिति का हल जरूरी है। यदि स्थिति लंबे समय तक हल नहीं होती तो इसके दो कारण हो सकते हैं। या तो आपमें स्थिति का हल करने का साहस नहीं है या फिर समस्या के समाधान में हमारी कोशिशें में कमी है।' आरएसएस प्रमुख ने कहा कि लोकतंत्र में समाज एक शक्तिशाली इकाई है जिसमें अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने की ताकत है।
उन्होंने कहा, 'समाज जो कुछ चाहता है, सरकार को उस दिशा में काम करना पड़ता है। लोकतंत्र में यही नियम है।' भागवत ने कहा कि वैसे देश ने कुछ ही दशक पहले संघीय सरकार को अंगीकार किया है लेकिन यह युगों से एक राष्ट्र रहा है। उन्होंने कहा, 'इस देश में हमें राष्ट्रभक्ति के कानूनों की जरूरत नहीं है। हमने शासन के संघीय ढांचे केा अपनाया है लेकिन अनादि काल से हम एक देश हैं।'
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि भारतीय उपमहाद्वीप के आज के निवासियों के 40000 हजार साल पहले के पूर्वज समान ही थे। उन्होंने कहा, 'यह साबित हो गया हे कि दुनिया के इस हिस्से में जो लोग रहते हैं, उनके समान पूर्वज थे ओर वे सभी हिंदू हैं। हिंदू होने का मतलब यह नहीं है कि आप किस देवता की पूजा करते हैं या किसकी नहीं। यह पहचान है, हमारी संस्कृति और हमारी विरासत है जो हमने सदियों से स्वीकार की है।' (भाषा)