ममता बनर्जी ने अपनी घोर विरोधी पार्टी माकपा से नोटबंदी पर मोदी के खिलाफ मांगा समर्थन
कोलकाता। बड़े नोटों को चलन से बाहर करने के केंद्र के कदम पर अपनी घोर प्रतिद्वंद्वी माकपा के साथ काम करने की इच्छा जताने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को फोन किया और भाजपा एवं इसकी जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 'एकजुट होकर लड़ने' का आग्रह किया।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने बताया, 'हां, ममता बनर्जी ने सीताराम येचुरी से बातचीत की और उन्हें बताया कि सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। येचुरी ने जवाब दिया कि चूंकि वह यात्रा कर रहे हैं, इसलिए वह पार्टी में इस पर चर्चा करने के बाद ही मामले पर टिप्पणी कर सकेंगे।'
सलीम ने कहा, 'यह कॉल शारदा और नारद घोटालों में कथित तौर पर लिप्त तृणमूल के नेताओं को बचाने का एक प्रयास है। तृणमूल कांग्रेस की विश्वसनीयता क्या है? वे कैसे कालाधन के खिलाफ लड़ने की बात कर सकते हैं, जब खुद उनकी (ममता) पार्टी के नेता ही शारदा घोटाले में गिरफ्तार किए गए हैं।' उन्होंने कहा, 'जो लोग पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के जरिये अपनी पार्टी चला रहे हैं, उन्हें कालाधन के बारे में बहुत अधिक बात नहीं करनी चाहिए।'
ममता बनर्जी ने बड़े पुराने नोटों का चलन बंद करने के केंद्र के कदम पर रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से बात की और कहा कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि इस मुद्दे पर अगले हफ्ते उनसे मिलेंगे।
ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, 'माननीय राष्ट्रपति मेरा फोन उठाने में पर्याप्त दयालु रहे। मैंने उन्हें बताया कि कैसे आम लोग बड़े पुराने नोटों का चलन बंद होने से परेशान हो रहे हैं।' उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मैंने उन्हें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से 16 या 17 नवंबर को मिलने के लिए राजी होने पर धन्यवाद दिया, जब हम उन्हें भयंकर स्थिति से अवगत कराएंगे।'
बीजेपी पर प्रहार करते हुए ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा था कि 'अघोषित आपातकाल' लगाने वाली 'जनविरोधी' मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष करने के लिए अपनी प्रतिद्वंद्वी माकपा तथा कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे अन्य विपक्षी दलों के साथ काम करने में परहेज नहीं है।