मोदी राज में हुए 350 रेल हादसे, 425 से ज्यादा यात्रियों की मौत, क्यों नहीं रुक रहे हैं हादसे
मोदी सरकार के पांच साल के राज में 350 से ज्यादा रेल हादसों में लगभग 425 रेल यात्रियों की मौत हो गई और 1000 से ज्यादा यात्री घायल हए। सरकार का दावा है कि देश में मानवरहित रेल क्रॉसिंग खत्म की दी गई है। इसके बाद भी रेल दुर्घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही है। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि मोदी सरकार 3 रेल मंत्री बदलने के बाद भी रेल हादसे क्यों नहीं रोक पा रही है?
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने रेलवे बोर्ड से पूछा था कि 2013 से 2018 तक कुल कितने रेल हादसे हुए हैं, तथा रेल हादसों में कुल कितने यात्रियों की मृत्यु हुई है तथा कितने जख्मी हुए हैं? इसके जवाब में रेलवे ने कहा कि अप्रैल 2013 मार्च 2018 तक कुल 350 बड़े रेल हादसे हुए हैं, जिसमे कुल 419 यात्रियों की मौत हुई है और 1024 यात्री जख्मी हुए हैं। इन रेल हादसों में कुल 282 करोड़ 78 लाख रुपए की क्षति हुई है। आइए डालते हैं पिछले कुछ सालों में हुए बड़े रेल हादसों पर एक नजर...
3 फरवरी 2019 : बिहार के हाजीपुर में रविवार को हुए बड़े रेल हादसे में जोगबनी से नई दिल्ली जा रही आनंद बिहार-राधिकापुर सीमांचल एक्सप्रेस की 11 बोगियां पटरी से उतर गईं। इस दर्दनाक हादसे में 7 लोगों की मौत और कई अन्य घायल हो गए।
20 अक्टूबर 2018 : दशहरे पर अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास रावण दहन कार्यक्रम के दौरान जालंधर से आ रही ट्रेन की चपेट में आने से 61 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
19 अगस्त 2017: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर में उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतरी, हादसे में 22 रेल यात्रियों की मौत हो गई और 156 से ज्यादा लोग घायल हुए।
17 मार्च 2017: बंगलुरु के चित्रादुर्गा जिले में एक एंबुलेंस की ट्रेन से टक्कर हो गई। इस दर्दनाक हादसे में चार महिलाओं की मौत हो गई।
22 जनवरी 2017: हीराखंड एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के विजयानगरम जिले में पटरी से उतरी। 27 यात्रियों की मौत, 36 घायल।
20 नवंबर 2016: उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास पटना- इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस भयावह हादसे में 150 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हो गए। यह देश के सबसे बड़े ट्रेन हादसों में से एक था।
5 अगस्त 2015: मध्य प्रदेश के हरदा के करीब एक ही जगह पर 10 मिनट के अंदर दो ट्रेन हादसे हुए। इटारसी-मुंबई रेलवे ट्रैक पर दो ट्रेनें मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस और पटना-मुंबई जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गईं। माचक नदी पर रेल पटरी धंसने की वजह से हरदा में यह हादसा हुआ। दुर्घटना में लगभग 31 मौतें हुईं।
26 मई, 2014: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक मालगाड़ी को टक्कर मार दी। हादसे में कम से कम 22 लोगों की मौत। यह दुर्घटना चुरेन रेलवे स्टेशन के पास हुई।