उत्तराखंड में भाजपा को लगा झटका, मंत्री हरक सिंह रावत ने दिया इस्तीफा
देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर भाजपा को झटका लगा है। भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। हरक सिंह ने अपनी सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफा दिया है। वे कैबिनेट की बैठक को बीच में ही छोड़कर निकल गए।
सूत्रों के मुताबिक, आज कैबिनेट की बैठक में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के बाबद शासन के रुख से नाराज हरक ने इस्तीफे की धमकी दी थी। सुबोध उनियाल ने मनाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और कैबिनेट बैठक छोड़कर निकल गए। उधर, विधायक उमेश शर्मा के भी समर्थन में इस्तीफा देने की खबर आ रही है।पता यह लगा है कि कैबिनेट में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का मामला न आने से उनकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बहस भी हुई।
चर्चा है कि हरक सिंह कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं। कई दिनों से हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विरोध के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। हरक सिंह गुरुवार को दिल्ली गए थे। इससे पूर्व, भाजपा मंत्री यशपाल आर्य व उनके पुत्र संजीव आर्य ने भी इस्तीफा दे कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया था।
उत्तराखंड में निर्वाचन आयोग ने बढ़ाया मतदान का समय : आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में एक घंटे का समय बढ़ाया है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने यह जानकारी दी।
उत्तराखंड की मौजूदा सरकार का 23 मार्च को कार्यकाल समाप्त हो रहा है।ऐसे में मुख्य निर्वाचन आयुक्त तैयारियों का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड के दौरे पर हैं।उन्होंने ये भी बताया कि 100 बूथ की जिम्मेदारी महिला कर्मचारियों को सौंपी जाएंगी। रैलियों के लिए 601 मैदान चिहिनत किए गए हैं।
कोविड संक्रमण रोकथाम की जिम्मेदारी आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है। इस बार उत्तराखंड में 83.4 लाख कुल वोटर्स हैं, राज्य में 1.9 लाख नए वोटर्स शामिल किए गए हैं, जिनके लिए 11447 पोलिंग स्टेशन बनेंगे।
इस बार कोविड के कारण 623 मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। पहले एक बूथ में 1500 वोटर वोट क्र सकते थे, अब यह संख्या घटाकर 1200 की गई। राज्य में 80 साल से अधिक के वृद्ध को पहली बार घर पर रहकर ही मतदान करने का अधिकार भी दिया गया है।