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Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025 (17:59 IST)

लोगों में आक्रोश, PM मोदी को अमेरिका को देना चाहिए कड़ा संदेश, ट्रंप की बैठक से पहले फूटा शशि थरूर का गुस्सा

थरूर ने कहा है कि जिस तरह से भारतीय प्रवासियों के एक जत्थे को अमेरिका से निर्वासित किया गया, उससे स्वाभाविक रूप से भारत में काफी चिंता और गुस्सा है तथा केंद्र सरकार को इस मामले में उचित माध्यम से वॉशिंगटन को एक संदेश देना होगा।

लोगों में आक्रोश, PM मोदी को अमेरिका को देना चाहिए कड़ा संदेश, ट्रंप की बैठक से पहले फूटा शशि थरूर का गुस्सा - message will have to be conveyed delicately-tharoor on treatment of deportees from us news in hindi
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि जिस तरह से भारतीय प्रवासियों के एक जत्थे को अमेरिका से निर्वासित किया गया, उससे स्वाभाविक रूप से भारत में काफी चिंता और गुस्सा है तथा केंद्र सरकार को इस मामले में उचित माध्यम से वॉशिंगटन को एक संदेश देना होगा। तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने सोमवार शाम को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में एक प्रश्न के जवाब में यह टिप्पणी की। उनकी यह टिप्पणी उस दिन आयी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिवसीय दौरे पर फ्रांस रवाना हुए जहां से वह अमेरिकी दौरे पर भी जाएंगे। अमेरिका की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।
 
अमेरिका को देना होगा कड़ा संदेश : वरिष्ठ पत्रकार केवी प्रसाद द्वारा लिखित पुस्तक 'इंडियन पार्लियामेंट : शेपिंग फॉरेन पॉलिसी' के विमोचन के बाद थरूर ने लोगों के सवाल के जवाब दिए। थरूर ने 104 भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से भेजे जाने से जुड़े सवाल पर कहा कि निर्वासन के तरीके से स्वाभाविक रूप से भारत में बहुत अधिक चिंता, द्वेष और यहां तक ​​कि गुस्सा है। उन्होंने कहा कि किसी तरह उचित माध्यम से संदेश देना होगा और इसे कभी दोहराया नहीं जाना चाहिए।
पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि भारतीय नागरिकों का हथकड़ी लगाकर अपनी मातृभूमि में लाना अच्छा व्यवहार नहीं है। कांग्रेस सांसद का यह भी कहना था,  कि अगर कोई किसी देश में अवैध रूप से प्रवेश करता है तो उस देश को निर्वासित करने का अधिकार है। अगर आपकी पहचान और राष्ट्रीयता विवादित नहीं है, अगर आपकी पहचान भारतीय साबित होती है, तो भारत का दायित्व है कि वह उन्हें वापस लाए।’’
 
पाकिस्तान को लेकर क्या बोले :  फोरेन कारेस्पोंडेंट क्लब’ (FCC) में आयोजित एक संवाद के दौरान भारत-पाकिस्तान संबंधों पर एक सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि वह अपने जीवन के अधिकांश समय शांति के पक्षधर रहे हैं, ‘लेकिन मुझे भी लगता है कि वास्तविकता ने मुझे ठगा है। शशि थरूर ने जोर देकर कहा कि ‘बात न करना भी नीति नहीं है। 
शशि थरूर ने कहा कि मैं वास्तव में विदेश मंत्री से सहमत हूं कि निर्बाध बातचीत संभव नहीं है, क्योंकि आप प्रतिक्रिया देने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। उदाहरण के लिए, जब 26/11 (मुंबई) हमला हुआ, तब हम बातचीत की प्रक्रिया में थे। उन्होंने कहा कि आप इस तरह से बातचीत जारी नहीं रख सकते जैसे कि कुछ हुआ ही न हो। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma