MEA ने बताया, भारत ने बांग्लादेश से वापस क्यों ली पारगमन सुविधा?
India Bangladesh relations : भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि तीसरे देशों को निर्यात के लिए बांग्लादेश को दी गई पारगमन (ट्रांसशिपमेंट) सुविधा वापस लेने का उसका निर्णय ढाका द्वारा उठाए गए कुछ कदमों के जवाब में लिया गया था, जिससे द्विपक्षीय व्यापार प्रभावित हुआ था।
हालांकि MEA ने ढाका द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन समझा जाता है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा भारतीय धागे के आयात पर रोक लगाने तथा तीन बंदरगाहों को बंद करने के निर्णय के कारण पारगमन सुविधा वापस ले ली गई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक, समावेशी और समृद्ध बांग्लादेश के पक्ष में हैं। जहां तक व्यापार मुद्दों का सवाल है, पिछले सप्ताह हमने पारगमन सुविधा के संबंध में घोषणा की थी।
साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान भारत-बांग्लादेश व्यापार संबंधों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जायसवाल ने कहा कि हमने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि हमारे बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर भीड़ बढ़ती जा रही है। लेकिन मैं आपको यह भी याद दिलाना चाहूंगा कि इन उपायों की घोषणा से पहले बांग्लादेश की तरफ से जो कुछ हुआ है, उस पर भी नजर डालिए।
क्या है पारगमन सुविधा : पारगमन सुविधा का मतलब है कि सामान को एक देश से दूसरे देश ले जाने की सुविधा। यह सुविधा सामान को एक देश से दूसरे देश में ले जाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों और प्रक्रियाओं को सरल बनाती है, जिससे सामान को तेजी से और आसानी से भेजा जा सकता है। भारत ने वर्ष 2020 में बांग्लादेश को पारगमन सुविधा दी थी। इसके तहत बांग्लादेशी निर्यात को अपने बंदरगाहों तथा हवाई अड्डों से गुजरने की अनुमति दी गई थी।
इस व्यवस्था का उद्देश्य व्यापार प्रवाह को सुव्यवस्थित करना, रसद लागत को कम करना तथा पारगमन लागत एवं समय में कटौती करके बांग्लादेश के रेडीमेड परिधान क्षेत्र को लाभ पहुंचाना था।
भारत ने क्यों उठाया यह कदम : यह कदम बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस द्वारा चीन में दिए गए विवादास्पद बयान के कुछ दिनों बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य, जिनकी बांग्लादेश के साथ लगभग 1,600 किलोमीटर की सीमा लगती है, चारों ओर से जमीन से घिरे हुए हैं तथा इनके पास उनके देश के अलावा महासागर तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।
edited by : Nrapendra Gupta