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Last Modified: गुरुवार, 14 दिसंबर 2017 (17:08 IST)

एमडीआर मुद्दे पर रिजर्व बैंक के साथ चर्चा करेगी सरकार

MDR case
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय मर्चेंट छूट दर (एमडीआर) के मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ चर्चा करेगा ​ताकि इसे कम करने की प्रणाली पर काम किया जा सके। 
 
गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने हाल ही में इस दर को सौदा मूल्य के 0.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.90 प्रतिशत कर दिया। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उक्त शुल्कों में बढ़ोतरी से डिजिटल इंडिया अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है इसलिए इस मुद्दे पर विचार किए जाने की जरूरत है।
 
अधिकारी ने कहा कि यह कई दुकानदारों को पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन का उपयोग करने के लिए हतोत्साहित करेगा। विशेषकर छोटे दुकानदारों को, क्योंकि उन्हें जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट भी नहीं मिलता है। यह पीओएस के उपयोग को कम करेगा।
 
एमडीआर वह दर होती है, जो डेबिट या क्रेडिट कार्ड सुविधा का उपयोग करने के लिए बैंक दुकानदारों से वसूलता है। अभी देश में मासिक आधार पर 27 से 28 करोड़ पीओएस लेन-देन होते हैं। इनमें औसतन एक लेन-देन 1,500 रुपए का होता है, वहीं केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसने एमडीआर के बारे में फैसला सभी भागीदारों के साथ विचार-विमर्श के बाद किया है। (भाषा)
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