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Last Modified: गाजियाबाद , गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 (19:07 IST)

गाजियाबाद के मंदिरों में नहीं चढ़ेगा बाजार का बना प्रसाद, पोस्टर लगाकर भक्तों से की अपील

गाजियाबाद के मंदिरों में नहीं चढ़ेगा बाजार का बना प्रसाद, पोस्टर लगाकर भक्तों से की अपील - Market made Prasad will not be offered in Ghaziabad temples
Uttar Pradesh Ghaziabad News : भगवान तिरुपति बालाजी के प्रसाद के लड्डू में मिलावट के बाद देशभर में बहस छिड़ी हुई है, जहां करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं, वहीं भगवान के प्रसाद पर सियासी धर्मयुद्ध छिड़ा हुआ है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के 3 मंदिरों में बाजार से बना प्रसाद नहीं चढ़ाने का निर्णय लिया गया है। यह व्यवस्था पहले नवरात्रों से प्रारंभ की जा रही है, जिसके लिए मंदिर और चौराहे पर आवश्यक सूचना के पोस्टर चस्पा किए गए हैं।
गाजियाबाद के दूधेश्वरनाथ मंदिर, दिल्ली गेट स्थित देवी मंदिर और संजय नगर के हनुमान मंदिर पर अब बाजार का बना प्रसाद भगवान को अर्पित नहीं होगा। दूधेश्वरनाथ मंदिर की प्रबंध समिति ने महंत नारायण गिरि के मुताबिक भक्तों से अपील की है कि मंदिर में भगवान को घर में बने शुद्ध लड्डुओं का भगवान को भोग लगाएं, क्योंकि बाजार से बना प्रसाद मंदिर के अंदर भगवान को नहीं चढ़ाया जाएगा। बाजार के प्रसाद में सिर्फ मिश्री, फल- पंचमेवा आदि ही भोग के लिए स्वीकार्य हैं। 
इसी तरह श्री हनुमान मंदिर सेवा ट्रस्ट और देवी मंदिर के मुख्य ट्रस्टी का कहना है कि वैसे तो भक्त तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के बाद खुद ही बाजार के भोग चढ़ाने से बच रहे हैं। जिसको देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि 3 अक्टूबर यानी पहले नवरात्र से बाजार का प्रसाद हनुमान मंदिर के किसी भी विग्रहों पर नहीं चढ़ाया जाएगा। घर में बनी पूरी-खीर, हलवा, गुड़, चना, पेठा, श्रीफल और मिश्री का प्रसाद ही चढ़ेगा।
मंदिर के बाहर बोर्ड भी लगाया गया है, जिस पर लिखा है कि बाजार का भोग मंदिर में नहीं चढ़ाएं। मंदिर में आने वाले भक्तगण भी इस व्यवस्था से बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि भगवान को शुद्धता से बने प्रसाद का भोग ही अर्पण होना चाहिए। भक्त श्रद्धा से बने शुद्ध प्रसाद को बाजार से मुंहमांगे दाम पर खरीदते हैं, लेकिन पैसों के लालच में अंधा व्यक्ति भगवान के नाम पर भी फरेब कर रहा है जो सर्वथा अनुमति है। ऐसे में मंदिरों में मिलावटी प्रसाद बंद करने का निर्णय स्वागत योग्य है।
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