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Last Updated : सोमवार, 27 फ़रवरी 2023 (17:59 IST)

दिल्ली आबकारी घोटाला : 5 दिन की CBI रिमांड पर रहेंगे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

दिल्ली आबकारी घोटाला :  5 दिन की CBI रिमांड पर रहेंगे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया - Manish Sisodia News : Court reserves order after CBI seeks 5 days remand of AAP leader
नई दिल्ली। Manish Sisodia update News : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सोमवार को यहां एक अदालत में पेश किया, जिसने उन्हें 4 मार्च तक के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सीबीआई और सिसोदिया के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कुछ देर के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने अदालत से आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को पांच दिनों की हिरासत में उसे सौंपने का अनुरोध किया था।
 
सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति (अब रद्द की जा चुकी) को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इससे पहले अदालत में एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा कि (तत्कालीन) उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है। सिसोदिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी रिमांड के लिए सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया।
 
सिसोदिया के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए अदालत से कहा कि ‘मैं वित्त मंत्री हूं। मुझे बजट पेश करना है...कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? क्या वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे? या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है।’’ उन्होंने कहा कि यह रिमांड से इनकार करने का एक उपयुक्त मामला है।’’
 
उन्होंने दलील दी कि सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के सदस्य के तौर पर कार्य किया और इसलिए फैसले के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, ना ही उस फैसले पर सवाल उठाया जा सकता है। वहीं, जांच एजेंसी के वकील ने दलील दी कि गिरफ्तार किये गये उपमुख्यमंत्री को हिरासत में रख कर मामले में पूछताछ करने की जरूरत है।
 
सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया ने दावा किया है कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से यह पता चला कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फैसले लिये थे। सिसोदिया के वकील ने हिरासत में सौंपने संबंधी जांच एजेंसी के अनुरोध का विरोध करते हुए दलील दी कि सीबीआई ने कहा है कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन बदले थे, लेकिन यह अपराध नहीं है।
 
वकील ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल से सुझाव लेने के बाद नीति लागू की गई थी और चूंकि इसके लिए परामर्श की जरूरत थी, इसलिए साजिश की कोई गुंजाइश नहीं थी। उन्होंने कहा कि मैंने हर चीज खुली रखने की कोशिश की।
 
इससे पहले, सीबीआई सिसोदिया को कड़ी सुरक्षा के बीच राउज एवेन्यू अदालत लेकर आई। अदालत परिसर के अंदर और बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था।

सिसोदिया की गिरफ्तारी पर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच राजनीति गरमा गई है। दोनों दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने इसे पीएम मोदी की तानाशाही बताया है। वहीं भाजपा ने कहा कि यह इतिहास में पहली बार हुआ कि कोई शिक्षा मंत्री शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। 

क्‍या है सिसोदिया के खिलाफ मामला? : बता दें कि जुलाई 2022 में दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की मांग की थी। सक्सेना ने सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद ED और CBI ने सिसोदिया के खिलाफ जांच शुरू की। इस मामले में भाजपा ने नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए हैं। सिसोदिया पर शराब घोटाले से जुड़े अहम सबूतों को नष्ट करने का आरोप है।
 
सिसोदिया के पास 18 विभाग : दिल्ली सरकार की वेबसाइट के मुताबिक कुल 33 विभाग हैं। इनमें से स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), सेवाओं, वित्त, बिजली, गृह और शहरी विकास जैसे 18 विभाग सिसोदिया के पास हैं। सिसोदिया के पास ऐसे सभी विभागों का प्रभार है जो किसी को आवंटित नहीं हैं।