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Last Updated : शनिवार, 31 अगस्त 2024 (17:14 IST)

मलयालम मी टू केस : एक्‍ट्रेस के ‘वैनिटी वैन’ में छिपाकर कैमरे लगाए गए, राधिका सरतकुमार ने लगाए आरोप

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तिरुवनंतपुरम। दक्षिण भारतीय अभिनेत्री राधिका सरतकुमार ने शनिवार को चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। उन्‍होंने कहा कि  एक मलयालम फिल्म की शूटिंग के सेट पर एक ‘कारवां’ वाहन (वैनिटी वैन) के अंदर छिपाकर लगाए गए कैमरों से महिला कलाकारों के आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किए गए थे और उन्होंने पुरुष कलाकारों को अपने मोबाइल फोन पर इन वीडियो को देखते हुए स्वयं देखा था।

न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद वरिष्ठ अभिनेत्री द्वारा एक मलयालम चैनल से बातचीत के दौरान लगाए गए आरोप पर आरएमपी (रेवोल्यूशनरी मार्क्सवादी पार्टी ऑफ इंडिया) नेता एवं विधायक के. के. रेमा सहित राज्य में विभिन्न वर्गों ने तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं।

राधिका ने इस बात पर सवाल किया कि हेमा समिति की रिपोर्ट में देरी क्यों हुई और उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ मलयालम फिल्म उद्योग में ही नहीं, बल्कि अन्य उद्योगों में भी महिलाओं का कथित उत्पीड़न और उनसे दुर्व्यवहार होता है।

राधिका सरतकुमार ने इस संबंध में अपना निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक मलयालम फिल्म की शूटिंग के सेट पर उन्होंने पुरुषों को अभिनेत्रियों के ‘कारवां’ वाहन में छिपे कैमरों से बने वीडियो की क्लिप देखते हुए स्वयं देखा था। वरिष्ठ अभिनेत्री ने चैनल से कहा, ‘मैंने यह देखा है। मैंने कारवां में महिलाओं के कपड़े बदलते समय के वीडियो देखे हैं।’

हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह किस फिल्म के सेट की बात है और उन्होंने किन अभिनेताओं को ये वीडियो देखते हुए देखा था। उन्होंने इस संबंध में और कोई जानकारी नहीं दी।

राधिका ने कहा कि उन्होंने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और कारवां के प्रभारी को चेतावनी दी थी कि यदि वाहनों में छिपे हुए कैमरे दोबारा लगे पाए गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अभिनेत्री ने कहा, ‘मुझे बहुत गुस्सा आया था। मैंने जोर देकर कहा कि मुझे सुरक्षित माहौल चाहिए और इसलिए मैंने कहा कि मुझे कारवां नहीं चाहिए और मैं अपने होटल के कमरे में वापस चली गई।’

अभिनेत्री (62) ने हेमा समिति के निष्कर्षों पर विभिन्न उद्योगों के पुरुष अभिनेताओं की चुप्पी की आलोचना की। अभिनेत्री ने कहा, ‘अब जिम्मेदारी महिलाओं की है। उन्हें (महिला कलाकारों को) खुद की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठानी होगी।’

राधिका सरतकुमार के बयान पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए आरएमपी नेता रेमा ने कहा कि फिल्म उद्योग में कथित तौर पर हो रही क्रूरता किसी की भी कल्पना से परे है।

उन्होंने मीडिया से कहा, ‘यह कैसी क्रूरता है... सिनेमा जगत तेजी से सबसे बड़ा अंडरवर्ल्ड बनता जा रहा है... इन सभी आरोपों से यही समझ में आता है।’

रेमा ने कहा कि फिल्म उद्योग में कार्यरत महिलाएं आमतौर पर मानती हैं कि कारवां वाहन सुरक्षित है और अगर उन्हें भी पुरुषों की तरह ऐसी सुविधाएं मिलें तो वे शूटिंग स्थलों पर सुरक्षित रह सकती हैं, लेकिन ताजा आरोप ने इसे गलत साबित कर दिया है। हालांकि, प्रसिद्ध डबिंग कलाकार भाग्यलक्ष्मी ने इस अपराध की जानकारी होने के बावजूद इतने सालों तक राधिका सरतकुमार की चुप्पी पर सवाल उठाया।

पटकथा लेखक दीदी दामोदरन ने मीडिया से बातचीत के दौरान सवाल किया कि अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने के लिए और कितने खुलासों की जरूरत है। मलयालम फिल्म उद्योग में उत्पीड़न और दुर्व्यवहार पर न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद से कई अभिनेत्रियों ने अपने पुरुष समकक्षों के हाथों हुए दुर्व्यवहार की व्यथित करने वाली घटनाओं का खुलासा किया है।

सरकार ने इन आरोपों की जांच के लिए सात-सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की। इसके बाद कई अभिनेताओं एवं निर्देशकों के खिलाफ और शिकायतें सामने आई हैं।
Edited by Navin Rangiyal