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Written By WD
Last Updated : रविवार, 10 अप्रैल 2016 (12:49 IST)

कोल्लम के पुत्तिंगल मंदिर में आग, धार्मिक स्थलों पर हुईं प्रमुख दुर्घटनाएं...

भारतीय धार्मिक स्थल
केरल के कोल्‍लम जिले के पुत्तिंगल मंदिर में आज तड़के आतिशबाजी की वजह से लगी भीषण आग से 84 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 से ज्‍यादा घायल हो गए।  पहली ऐसी दुर्घटना नहीं है जब लोगों को असमय काल का ग्रास बनना पड़ा। आइए नजर डालते हैं पिछले कुछ वर्षों में हुई इस तरह कर प्रमुख घटनाओं पर...।


25  अगस्त 2014 : चित्रकूट में स्थित कामतानाथ मंदिर में मची भगदड़ में कम से कम 10 लोग मारे गए और करीब 60 लोग घायल हो गए थे। यहां मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं। 
 
13 अक्टूबर 2013 : रतनगढ़ माता के मंदिर में दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं में पुल से गुजरने के दौरान अचानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में 115 लोग मारे गए थे। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं ही थे। हादसे के बाद कई लाशें पुल पर ही बिछ गई थी।
 
20 अक्टूबर 2012 : सीहोर जिले के सलकनपुर में नवरात्र के पहले दिन भगदड़ मचने से 3 की मौत, 35 घायल हुए थे। रोप-वे बंद करने के कारण पूरा दबाव सड़क मार्ग और 1400 सीढ़ियों पर होने से यहां स्थिति बिगड़ गई थी।
 


14 जनवरी 2011 : केरल के इदुक्की जिले में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शबरीमाला के नजदीक पुलमेदु में मची भगदड़ में कम से कम 102 श्रद्धालु मारे गए और 50 श्रद्धालु घायल हो गए थे।

आठ नवंबर 2011 : धार्मिक नगरी हरिद्वार में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान गंगा नदी के तट पर हजारों श्रद्धालुओं के एकत्र हो जाने के दौरान मची भगदड़ में 16 लोगों की जान चली गई।

जनवरी, 2010 : कोलकाता के पास चल रहे गंगासागर मेले में मची भगदड़ से कम से कम सात तीर्थयात्री मारे गए हैं।

चार मार्च 2010 : उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ में कृपालु महाराज आश्रम में प्रसाद वितरण के दौरान 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हो गए थे।

दिसंबर, 2009 : गुजरात में धौराजी के श्रीनाथजी मंदिर में भगदड़ मचने से करीब नौ लोगों की मौत हो गई।

30 सितंबर 2008 : राजस्थान के जोधपुर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह से मची भगदड़ में 250 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

03 अगस्त 2008 : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण नैना देवी मंदिर की एक दीवार ढह गई, जिसके भय से मची भगदड़ में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

जनवरी, 2005 : महाराष्ट्र के मंढारा देवी मंदिर में भगदड़ मचने से 300 के लगभग लोग मारे गए। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे।

अगस्त 2003 : महाराष्ट्र के नासिक में कुंभ मेले में मची भगदड़ में 125 लोगों की जान चली गई थी।

1987 : केरल के त्रिशुर में मंदिर में आतिशबाजी के दौरान आग लगने से 21 की मौत।

1984 : त्रिशुर में एक त्योहार के दौरान चर्च में आतिशबाजी से 20 लोगों की जान चली गई थी।

14 जनवरी 1952 : सबरीमाला में हुए धमाके में 68 लोगों की मौत।