मध्यप्रदेश के हरदा शहर में मंगलवार को एक पटाखा कारखाने में विस्फोट के बाद आग लग गई। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 174 अन्य लोग घायल हुए हैं। इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज घटनास्थल पर जाएंगे।
सेना के हेलीकॉप्टर की मदद : यह घटना प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 150 किलोमीटर दूर हरदा शहर के बाहरी इलाके मगरधा रोड पर बैरागढ़ में हुई। राज्य सरकार को लोगों की निकासी के लिए सेना के हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी।
नर्मदापुरम के आयुक्त पवन शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि अब तक 174 लोगों को घटनास्थल से बचाया गया है। इनमें से 34 को भोपाल और होशंगाबाद रेफर किया गया जबकि 140 का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। जिन लोगों को रेफर किया गया था उनमें से एक की मौत की सूचना मिली है और जिला अस्पताल से 10 लोगों की मौत की सूचना है।
3 गिरफ्तार : हरदा ब्लास्ट में FIR क्रमांक 42/2024 थाना सिविल लाइन जिला हरदा में धारा 304,308,34 IPC एवं धारा 3 विस्फोटक अधिनियम कायम कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। खबरों के मुताबिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल और रफीक खान को गिरफ्तार किया गया है।
करेंगे कड़ी कार्रवाई : मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मैंने जांच के आदेश दिए हैं। हम मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार सभी की मदद कर रही है... घटनास्थल पर बचाव अभियान जारी है... मैं कल स्वयं विधानसभा के बाद हरदा जाने वाला हूं।
उन्होंने कहा कि आग बुझा दी गई है और घटनास्थल से मलबा हटाया जा रहा है। मामले की जांच जारी है लेकिन फिलहाल बचाव अभियान हमारी प्राथमिकता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव घायल व्यक्तियों से मिलने के लिए भोपाल के हमीदिया अस्पताल गए।
यादव ने कहा कि 12 घायलों को यहां लाया गया था और उनमें से 1 अब नहीं रहा। मैंने घायल व्यक्तियों से मुलाकात की है और सरकार उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर रही है। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई है और बचाव अभियान अभी भी जारी है।
रातभर जारी रहा अभियान : नर्मदापुरम संभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) इरशाद वली ने कहा कि हमने सभी लोगों को घटनास्थल से हटा लिया है। फोरेंसिक टीम जांच के लिए यहां है। जेसीबी मलबा हटाने का काम कर रही है और बचाव अभियान जारी है। हमने अतिरिक्त मशीन भी बुलाई हैं, क्योंकि अभियान रातभर जारी रहेगा।
3 सदस्यीय समिति करेगी जांच : मध्यप्रदेश सरकार ने पटाखा इकाई में विस्फोट की विस्तृत जांच करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है। उच्चाधिकार प्राप्त समिति में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) जयदीप प्रसाद और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सचिव आरके मेहरा शामिल हैं।
समिति को उन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने का भी काम सौंपा गया है जिन्हें ऐसी घटनाओं को रोकना था। मुख्यमंत्री यादव ने तुरंत एक बैठक बुलाई और लोगों की निकासी में हेलीकॉप्टर सहायता के लिए सेना को शामिल करने की योजना की घोषणा की।
25 किलोमीटर तक सुनाई दी आवाज : प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विस्फोट की आवाज 25 किलोमीटर दूर तक सुनी गई और घटनास्थल से कुछ दूरी पर शरीर के अंग बिखरे हुए थे और पास की सड़क पर वाहनों पर छींटें पड़े थे। विस्फोट के बाद से कारखाने के एक कर्मचारी राजू का 8 वर्षीय बेटा लापता है।
राजू ने रुंधी आवाज में कहा कि विस्फोट तब हुआ, जब मेरा बेटा गणेश मुझे टिफिन दे रहा था। वह मेरे आगे भागा, लेकिन मैं अब तक उसे ढूंढ नहीं पाया हूं। घटना के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं जिनमें घटनास्थल पर रुक-रुककर हो रहे विस्फोटों के बीच लोग खुद को बचाने के लिए भागते नजर आते हैं। वीडियो में कारखाने से धुएं का गुबार निकलता दिखाई देता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देशभर से शोक संवेदनाएं व्यक्त की गईं। मुर्मू ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि मध्यप्रदेश के हरदा में आग लगने से अनेक लोगों की मृत्यु होने का समाचार अत्यंत दु:खद है। मैं शोक-संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।
पीएम ने जताया दु:ख : प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा करते हुए कहा कि वे लोगों की मौत से व्यथित हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, उन सभी के प्रति संवेदनाएं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। जो घायल हुए हैं, वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। स्थानीय प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है।
इस बीच कारखाने और उसके आसपास कितने लोगों के फंसे होने की आशंका है, इसकी सटीक संख्या का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 4-4 लाख रुपए की वित्तीय सहायता की घोषणा की और कहा कि वह घायल व्यक्तियों के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी।
मुख्यमंत्री यादव ने वरिष्ठ मंत्री उदय प्रताप सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव अजीत केसरी और महानिदेशक (होमगार्ड) अरविंद कुमार को स्थिति का जायजा लेने और राहत एवं बचाव अभियान की निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर से हरदा जाने का निर्देश दिया।
इंदौर, भोपाल और एम्स-भोपाल के अस्पतालों में बर्न यूनिट को किसी भी आपात स्थिति के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। आग पर काबू पाने के लिए इंदौर और भोपाल से दमकल गाड़ियां भेजी गईं। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इंदौर से आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 4 घायल महिलाओं को शहर के सरकारी एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कांग्रेस ने की कड़ी कार्रवाई की मांग : इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इस त्रासदी की गहन जांच और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने घटना की जांच के लिए पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और रामू टेकाम की 2 सदस्यीय पार्टी स्तरीय समिति गठित की है। (भाषा)